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Haldiram-Bikaji History: गुलाम भारत की छोटी दुकान से निकले नए भारत के दो ग्लोबल ब्रांड, आज बच्चा-बच्चा है इनका फैन
Story of India's Favourite Snacks Brands: हल्दीराम और बीकाजी दोनों भारत के सबसे पसंदीदा स्नैक्स ब्रांड हैं. दोनों का आपस में गहरा संबंध है और दोनों की जड़ें एक ही हैं...
![Haldiram-Bikaji History: गुलाम भारत की छोटी दुकान से निकले नए भारत के दो ग्लोबल ब्रांड, आज बच्चा-बच्चा है इनका फैन Haldiram And Bikaji from Bikaner to being household name for indians this is remarkable journey Haldiram-Bikaji History: गुलाम भारत की छोटी दुकान से निकले नए भारत के दो ग्लोबल ब्रांड, आज बच्चा-बच्चा है इनका फैन](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/08/cad06a4178b419f87aad2eaef126f9ff1694164446833685_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
हल्दीराम का नाम पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है. इस सप्ताह ऐसी खबरें आईं कि टाटा समूह और हल्दीराम में एक डील को लेकर बातचीत चल रही है, कि टाटा समूह स्नैक्स ब्रांड हल्दीराम में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का प्रयास कर रहा है. हालांकि उसके बाद टाटा समूह और हल्दीराम दोनों इस तरह की खबरों का खंडन कर चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी हल्दीराम का चर्चा में बना हुआ है. टाटा व हल्दीराम की खबरों के बीच एक तीसरा नाम भी चर्चा बटोर रहा है और वह है बीकाजी का. खबर आई टाटा और हल्दीराम के बीच डील की, और शेयर चढ़ने लग गए बीकाजी फूड्स के.
इन दोनों बड़े ब्रांड का कनेक्शन
दरअसल हल्दीराम और बीकाजी का कनेक्शन अनायास नहीं है. अभी के समय में हल्दीराम और बीकाजी भारत के दो सबसे बड़े स्नैक्स ब्रांड हैं. इस बाजार पर इन दोनों ब्रांड का काफी दबदबा है. दबदबे का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि ये दोनों ब्रांड अपने-अपने दम पर और अकेले-अकेले पेप्सिको जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों को बराबर का टक्कर देते हैं. इनकी लोकप्रियता का आलम है कि बच्चा-बच्चा इनके स्नैक्स का फैन है. लोगों के घरों में गेस्ट आते हैं तो उन्हें मिठाई के साथ हल्दीराम या बीकाजी के नमकीन परोसे जाते हैं. कहने का मतलब ये है कि हल्दीराम और बीकाजी दोनों ही ऐसे ब्रांड हैं, जिनकी पहुंच भारत के लगभग हर घरों तक है.
सन 37 में हुई थी शुरुआत
मजेदार है कि दोनों का संबंध बहुत गहरा और पुराना है. दूसरे शब्दों में ऐसे कह दें कि इन दोनों ब्रांडों की जड़ें एक ही है, तो गलत नहीं होगा. इस कहानी की शुरुआत हुई थी आज से कई साल पहले, आजादी से भी पहले, सन 1937 में. राजस्थान के बीकानेर शहर में एक छोटी से दुकान थी, जो स्नैक्स यानी नमकीन के लिए फेमस हो रही थी. दुकान को जो बात खास बनाती थी और जिस कारण बीकानेर के लोग उसे बहुत पसंद करने लग गए थे, वो ये थी कि उस दुकान में घर में बनाई नमकीन बिकती थी. खासकर बीकानेरी आलू भुजिया.
ऐसे बना हल्दीराम नाम का ब्रांड
दुकानदार का नाम था गंगा भीषण अग्रवाल. गंगा भीषण अग्रावल को लोग हल्दीराम नाम से जानते थे. इस तरह बीकानेर के लोग उस दुकान को हल्दीराम भुजिया वाले के नाम से जानने-पहचानने-पुकारने लग गए. इस तरह से हल्दीराम ब्रांड की शुरुआत हुई. हल्दीराम अग्रवाल की बाद की पीढ़ियों ने ब्रांड को न सिर्फ अच्छे से संभाला, बल्कि उसे विशाल बरगद बना दिया. 1982 में हल्दीराम के दिल्ली ब्रांच की शुरुआत हुई, जो अभी भी दिल्ली के दिल यानी कनॉट प्लेस के आयकॉनिक प्लेसेज में एक है.
जब तीसरी पीढ़ी में हुआ अलगाव
हल्दीराम की तीसरी पीढ़ी में अलगाव हुआ. तब उनके पोते शिव रतन अग्रवाल ने अपने रास्ते अलग कर लिए और उन्होंने 1993 में बीकाजी नाम से अपने अलग ब्रांड की शुरुआत की. अभी हल्दीराम के परिवार कई कंपनियां चला रहे हैं. जैसे दिल्ली का हल्दीराम अलग है और नागपुर का हल्दीराम अलग. हल्दीराम और बीकाजी दोनों ही ब्रांड अब सिर्फ आलू भुजिया तक सीमित नहीं रह गए हैं. उनके पोर्टफोलियो में कई तरह के नमकीन और देश के कई शहरों में रेस्टोरेंट शामिल हैं.
इतनी है बीकाजी की मार्केट वैल्यू
बीकाजी ब्रांड तो शेयर बाजार में भी उतर चुका है. बीकाजी ब्रांड को ऑपरेट करने वाली कंपनी बीकाजी फूड्स पिछले साल अपना आईपीओ लेकर आई थी. बीकाजी फूड्स के आईपीओ का साइज 881 करोड़ रुपये का था और उसे बाजार में निवेशकों ने खूब पसंद किया था. बीकाजी फूड्स के आईपीओ का प्राइस बैंड 285-300 रुपये था. आज उसका शेयर करीब 530 रुपये पर पहुंचा हुआ है. इस तरह देखें तो यह बाजार का मल्टीबैगर शेयर साबित हुआ है और करीब 9 महीने में 70 फीसदी तक चढ़ा हुआ है. कंपनी का एमकैप अभी 13,200 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
हल्दीराम की बाजार हिस्सेदारी
हल्दीराम की बात करें तो इस ब्रांड नाम से बिजनेस कर रहे तीनों भाई ने आपस में विलय का फैसला पिछले साल लिया था. पिछले साल सीएनबीसी टीवी-18 ने एक रिपोर्ट में बताया था कि तीनों भाई की योजना विलय के बाद आईपीओ लेकर आने की है. यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 6.2 बिलियन डॉलर के स्नैक्स मार्केट में हल्दीराम की हिस्सेदारी 13 फीसदी है. इंडियन स्नैक्स मार्केट में पेप्सिको की हिस्सेदारी भी करीब 13 फीसदी है.
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