हल्दीराम के दिल्ली-नागपुर बिजनेस के मर्जर का प्लान सेट! सिंगापुर की फर्म से हुई 84,000 करोड़ की डील
Haldiram: 84,000 करोड़ के वैल्यूएशन पर हल्दीराम की 9 परसेंट हिस्सेदारी खरीदने के लिए सिंगापुर की कंपनी टेमासेक के बीच बातचीत लगभग फाइनल हो चुकी है.

Haldiram: मिठाई, नमकीन और भुजिया बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी हल्दीराम आखिरकार अपनी हिस्सेदारी बेचनी जा रही है. सिंगापुर की सरकारी निवेश कंपनी टेमासेक होल्डिंग्स 84,000 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन पर कंपनी की 9 परसेंट हिस्सेदारी खरीदने जा रही है. यह डील एक तरह से फैमिली बिजनेस का रीयूनियन होगी.
नागपुर बेस्ड हल्दीराम फूड्स और दिल्ली के हल्दीराम स्नैक्स को अग्रवाल फैमिली के दो चचेरे भाई मिलकर चलाते हैं. हिस्सेदारी बेचे जाने की डील पर दोनों कंपनियों ने औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं. इनके मर्जर पर जल्द ही औपचारिक मुहर लगने की उम्मीद जताई जा रही है. मर्जर के बाद हल्दीराम फूड्स एंड स्नैक्स के नाम से एक इकाई बनाई जाएगी. इन दोनों कंपनियों के प्रोडक्ट रेंज में तरह-तरह की मिठाइयां, नमकीन, स्नैक्स व इटरीज शामिल हैं.
मर्जर का प्रॉसेस जल्द हो सकता है पूरा
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, हल्दीराम के प्रोडक्ट्स का बड़े पैमाने पर उन सभी देशों में निर्यात किया जाता हैं, जहां-जहां भारतीयों का बसेरा है. वैल्यूएशन के आधार पर ब्रांड की पहुंच आगे और भी बढ़ेगी. दोनों कंपनियों को एक ही कारोबार मानते हुए 84,000 करोड़ रुपये पर डील फाइनल की गई है.
इस यूनिट की प्लानिंग आने वाले समय में आईपीओ लॉन्च करने की भी हो सकती है. मर्जर के प्रॉसेस को जल्द से जल्द पूरा करने की तैयारी की जा रही है. कंपनी की हिस्सेदारी बेचे जाने का ऐलान करीब दो हफ्ते में किए जाने की उम्मीद है. टेमासेक होल्डिंग्स से 9 परसेंट हिस्सेदारी बेचे जाने के अलावा बाकी 5 परसेंट हिस्सेदारी और बेचने पर भी बात चल रही है.
पहले ब्लैकस्टोन से चल रही थी बातचीत
इससे पहले कंपनी की हिस्सेदारी बेचे जाने के लिए हल्दीराम की बातचीत अमेरिकी निवेश कंपनी ब्लैकस्टोन इंक से चल रही थी, लेकिन डील फाइनल नहीं हो पाई. पहले ब्लैकस्टोन ने कंपनी ने 75 परसेंट हिस्सेदारी खरीदने की बात कही, लेकिन कंपनी इतनी बड़ी हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार नहीं हुई.
फिर ब्लैकस्टोन ने हल्दीराम में 20 परसेंट की हिस्सेदारी खरीदने के लिए 8 अरब डॉलर में डील फाइनल करने की बात कही, लेकिन बिजनेस की कीमत 12 अरब डॉलर लगाई. इसके बाद ब्लैकस्टोन को यह डील महंगी लगने लगी, लेकिन हल्दीराम 12 अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर अड़ा रहा.
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