मुंबईः क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी (सीआईसी) की एक रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि देश की कुल 40 करोड़ कामकाजी आबादी के करीब आधे लोग कर्जदार हैं, जिन्होंने कम से कम एक लोन लिया है या उनके पास क्रेडिट कार्ड है. ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट के मुताबिक लोन स्थान तेजी से नए ग्राहकों के लिहाज से उनके संतुष्ट करने स्तर के करीब पहुंच रहे हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि एक अनुमान के मुताबिक जनवरी 2021 तक भारत की कुल कामकाजी आबादी 40.07 करोड़ थी, जबकि खुदरा लोन बाजार में 20 करोड़ लोगों ने किसी न किसी रूप में कर्ज लिया है.
18-33 वर्ष की आयु के 40 करोड़ लोगों के बीच लोन मार्केट की वृद्धि की संभावनाएं
गौरतलब है कि पिछले एक दशक में बैंकों ने खुदरा लोन को प्राथमिकता दी, लेकिन महामारी के बाद इस सेक्सन में वृद्धि को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है. सीआईसी के आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 18-33 वर्ष की आयु के 40 करोड़ लोगों के बीच कर्ज बाजार की वृद्धि की संभावनाएं हैं और इस सेक्शन में लोन का प्रसार सिर्फ आठ प्रतिशत है.
महामारी से लोगों की आय में कमी
दरअसल, देशभर में कोरोना ने बीते साल से कोहराम मचाया हुआ है और ये दूसरी लहर पहले से काफी भयावह साबित हुई है. दूसरी लहर के चलते जहां लाखों-करोड़ों लोग महामारी से संक्रमित हुए और लोगों की आय में भी कमी आई है.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियनन एकोनॉमी (सीएमआईई) ने बीते महीने 1.75 लाख परिवारों के सर्वे का काम पूरा किया है. सर्वे में केवल 3 प्रतिशत ऐसे परिवार मिले जिन्होंने आय बढ़ने की बात की तो वहीं 55 प्रतिशत ने कहा कि उनकी आमदनी घटी है. 42 प्रतिशत ऐसे थे जिन्होंने कहा कि उनकी आय बीते साल के बराबर बनी हुई है.
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