Happy Birthday Ratan Tata: भारत के सबसे बड़े कारोबारियों में से एक रतन टाटा आज यानी 28 दिसंबर को अपना 86वां जन्मदिन मना रहे हैं. रतन टाटा को किसी पहचान की आवश्यकता नहीं है. सफल बिजनेसमैन होने के साथ ही वह अपने परोपकारी कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं. रतन टाटा का जन्म 1937 में मुंबई में नवल टाटा और सूनी टाटा के घर में हुआ था. जब रतन टाटा केवल 10 साल के थे, उनके माता-पिता अलग हो गए थे, जिसके बाद उनकी परवरिश उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने की थी.
ऐसा रहा रतना टाटा का शुरुआती जीवन-
रतन टाटा की शुरुआती पढ़ाई मुंबई से हुई है. इसके बाद उन्होंने शिमला के बिशप कॉटन स्कूल और न्यूयॉर्क के रिवरडेल कंट्री स्कूल से साल 1955 में डिप्लोमा किया है. रतन टाटा के निजी जीवन की बात करें तो उन्होंने कभी शादी नहीं की. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि 1962 के दौरान अमेरिका के लॉस एंजेलिस में उन्हें एक लड़की से प्यार हो गया था और वह शादी करने वाले थे, लेकिन भारत-चीन वॉर के कारण लड़की के माता-पिता ने लड़की को भारत आने नहीं दिया. इसके बाद रतन टाटा भारत आ गए और इसके बाद उन्होंने कभी भी शादी न करने का फैसला कर लिया.
ऐसे की करियर की शुरुआत-
टाटा ग्रुप की मशहूर कंपनी टाटा स्टील के साथ रतन टाटा ने साल 1961 में अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए वह साल 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल चले गए थे. उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर से भी डिग्री भी हासिल की है. वित्तीय लिहाज से भारत के लिए साल 1991 बहुत अहम रहा. देश में उदारीकरण और निजीकरण की नीति अपनाने के बाद रतन टाटा टाटा ग्रुप के अध्यक्ष बन गए थे. उनकी लीडरशिप में ग्रुप ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में अपनी अलग छाप छोड़ी है.
रतन टाटा की लीडरशिप में टाटा समूह इत तरह बना बड़ा ब्रांड
2004 में उन्होंने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को पब्लिक करने का फैसला किया. इसके साथ ही ऑटोमोबाइल सेक्टर में टाटा ने कई बड़े वैश्विक ब्रांड्स जैसे एंग्लो-डच स्टील निर्माता कोरस, ब्रिटिश ऑटोमोबाइल कंपनी जगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) और ब्रिटिश चाय फर्म टेटली का अधिग्रहण किया था. इसके बाद टाटा ग्रुप वैश्विक स्तर पर बेहद बड़ा ब्रांड बन गया. साल 2009 में आम लोगों के कार के सपने को पूरा करने के लिए टाटा ने अपनी लाख टकिया कार यानी Nano को लॉन्च करने का फैसला किया.
परोपकारी कार्यों में रहते हैं आगे
केवल बिजनेस ही नहीं रतन टाटा को उनके परोपकारी कार्यों के लिए भी जाना जाता है. भारत छात्रों की मदद के लिए रतन टाटा ने Cornell University में पूरे 28 मिलियन डॉलर का दान दिया था. इससे गरीब और मध्यम वर्ग के भारतीय स्टूडेंट्स की मदद की जाती है. इसके साथ ही हार्वर्ड बिजनेस स्कूल ने छात्रों की मदद के लिए 50 मिलियन डॉलर दान किए थे. इसके अलावा आईआईटी बॉम्बे में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने 2014 में 95 करोड़ रुपये की राशि दान दी थी. इसके साथ ही वह हर साल अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा परोपकारी कार्यों में खर्च करते हैं.
कितनी है रतन टाटा की नेट वर्थ
रतन टाटा एक्स यानी ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले भारतीय उद्योगपतियों में से एक हैं. उनके एक्स पर 12 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी नेट वर्थ 3,800 करोड़ रुपये से अधिक है. IIFL Wealth Hurun India Rich List 2022 के मुताबिक रतन टाटा विश्व के 421वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि टाटा सन्स अपनी कमाई का 66 फीसदी हिस्सा दान कर देता है.
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