Holi 2023: फाइनेंशियल फ्रीडम के रंगों के साथ मनाएं होली 2023, बड़े काम के हैं ये 5 उपाय
Happy Holi 2023: रंगों का त्योहार कुछ ही दिनों की दूरी पर है. बाजार में तैयारियां तेज हो चुकी हैं और चारों तरफ इसके रंग बिखरने लगे हैं. इस त्योहार को आप फाइनेंशियल फ्रीडम के रंग में रंग सकते हैं...
वसंत पंचमी (Vasant Panchami 2023) के साथ ही देश भर में रंगों के त्योहार होली (Holi 2023) की धमक महसूस होने लग जाती है और महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) के आते-आते इसकी खुमारी चरम पर पहुंच जाती है. इस साल ये दोनों त्योहार बीत चुके हैं और अब होली में कुछ ही दिन बचे हुए हैं. चाहे ऑनलाइन मार्केटप्लेस (Online Marketplace) यानी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स हों या शहरों के शॉपिंग मॉल अथवा दूर-दराज गांवों के हाट-बाजार, हर जगह बाजार होली के रंग में रंगने लगा है.
यूं तो यह त्योहार खाने, पीने और जश्न मनाने का है, लेकिन अगर इस मौके को थोड़े अलग तरीके से भुनाया जाए तो आप खुद को और अपने प्रियजनों को इस होली के अवसर पर फाइनेंशियल फ्रीडम (Financial Freedom) यानी वित्तीय स्वतंत्रता का उपहार दे सकते हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे तोहफों के बारे में, जो वित्तीय मामलों में सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं.
'फाइनेंशियल फ्रीडम (Financial Freedom)' पिछले कुछ सालों में काफी प्रचलित टर्म बन गया है. खासकर युवा पीढ़ी के लिए यह टर्म काफी मायने रखने लगा है. इसका सीधे शब्दों में यह मतलब हुआ कि आपके ऊपर कोई कर्ज या उधारी नहीं होनी चाहिए. साथ ही आपके पास अचानक आने वाली जरूरतों को पूरा करने की तैयारी भी होनी चाहिए. साफ है कि इसके लिए प्लानिंग के साथ सेविंग और इन्वेस्टमेंट (Saving and investment plans) करने के अलावा कोई अन्य उपाय नहीं है. पर्सनल इंश्योरेंस (Personal Insurance), मेडिकल इंश्योरेंस (Medical Insurance) जैसे प्रोडक्ट भी व्यक्ति को फाइनेंशियल फ्रीडम दिलाने में अहम रोल निभाते हैं.
शेयर (Stocks): इधर के कुछ सालों में खासकर कोरोना महामारी के बाद भारत में शेयर बाजार (Share Market) का क्रेज तेजी से बढ़ा है. अब बाजार में पैसे लगाने वाले रिटेल इन्वेस्टर्स (Retail Investors) तेजी से बढ़े हैं. रिकॉर्ड स्तर पर खुलते जा रहे डीमैट अकाउंट (Demat Account) इस बात का सबूत हैं. अगर सही रणनीति के साथ शेयर बाजार में किया जाए तो यह पारंपरिक निवेश की तुलना में कई गुना ज्यादा रिटर्न दे सकता है. लॉन्ग टर्म के गोल को हासिल करने के लिए यह एक बेहतर माध्यम है. तो देर किस बात की... फटाफट डीमैट अकाउंट खोलिए और अच्छे से रिसर्च कर कुछ क्वॉलिटी स्टॉक्स खरीद डालिए.
फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit/ FD): फिक्स्ड डिपॉजिट भारतीय लोगों का पसंदीदा निवेश रहा है. शेयर बाजार वैसे लोगों के लिए है, जो कुछ जोखिम उठा सकते हैं. अगर आपको जोखिम नहीं चाहिए, तो एफडी में पैसे लगाना इन्वेस्टमेंट के सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक है. हालांकि इसमें रिटर्न कुछ कम मिलता है, लेकिन रेपो रेट में जारी बढ़ोतरी (Repo Rate Hike) के साथ एफडी पर मिलने वाला ब्याज भी बढ़ने लगा है. ऐसे में अभी एफडी में पैसे लगाने के हिसाब से बेहतर समय साबित हो सकता है. चूंकि अभी एफडी की दरों में बढ़ोतरी जारी है, ऐसे में फिलहाल कम समय की एफडी में पैसे लगाना फायदेमंद है.
डिजिटल गोल्ड (Digital Gold): सोना सदियों से भारतीयों की पहली पसंद है. शादी-विवाह के मौकों पर तो गहने खरीदे ही जाते हैं, इसके अलावा भी कई अन्य मौकों पर लोग सोने के गहने उपहार के रूप में एक दूसरे को देते हैं. इस तरीके से यानी फिजिकली सोना खरीदना बेहतर विकल्प तो है ही, लेकिन बदलते समय के साथ सोना खरीदने के तरीके को बदलकर पहले से भी ज्यादा रिटर्न पाया जा सकता है. फिजिकल गोल्ड (Physical Gold) के मामले में खोने या चोरी होने का जोखिम रहता है. डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के मामले में यह खतरा नहीं होता है. डिजिटल गोल्ड को जरूरत पड़ने पर चंद मिनटों में बेचा जा सकता है और कैश किया जा सकता है. इसके अलावा डिजिटल गोल्ड के मामले में कमीशन या मिलावट का नुकसान भी नहीं होता है.
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund): अगर आप एकमुश्त मोटा पैसा नहीं लगाना चाहते हैं, तो आप म्यूचुअल फंड का रास्ता चुन सकते हैं. आप म्यूचुअल फंड शुरू करा सकते हैं और किस्तों में धीरे-धीरे उसमें पैसे जमा करा सकते हैं. इससे आपके ऊपर एक ही बार में लोड नहीं आएगा और समय के साथ बड़ा फंड भी जमा हो जाएगा. लंबे समय में अपना घर खरीदने या बच्चों के बड़े होने पर उनकी पढ़ाई के खर्च जैसे गोल को पाने में यह तरीका काफी मददगार साबित हो सकता है.
इंश्योरेंस (Insurance): जीवन और अनिश्चितता कमोबेश पर्यायवाची हैं. कल क्या होने वाला है, कोई नहीं जानता है. अनिश्चितता भरे ऐसे जीवन को सुरक्षित बनाने में इंश्योरेंस (Insurance) बड़े काम की चीज है. किसी की सेहत कभी बताकर खराब नहीं होती है और अभी के समय में इलाज काफी खर्चीला हो गया है. एक-दो दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर ही हजारों की चपत लग जाती है. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) बहुत काम आता है और आपकी वित्तीय सेहत बर्बाद होने से बचाता है. वहीं आकस्मिक मौत हो जाने की स्थिति में लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) आपके परिजनों के लिए बड़ी राहत का काम कर सकता है.