Haryana Investment: कभी था इंवेस्टर्स की जान पर अब हरियाणा में घट रहा निवेश, जानें बड़ा कारण जो चौंका देगा
Haryana Investment: देश के इंवेस्टमेंट प्रोजेक्ट्स में बड़ा हिस्सा रखने वाला राज्य हरियाणा इस समय नई परिस्थितियों का सामना कर रहा है. राज्य में एक नए नियम के चलते इंडस्ट्रियल निवेश घटा है. जानें कारण
![Haryana Investment: कभी था इंवेस्टर्स की जान पर अब हरियाणा में घट रहा निवेश, जानें बड़ा कारण जो चौंका देगा Haryana is loosing its investors ratio in country new investment projects showing new trends and concerns Haryana Investment: कभी था इंवेस्टर्स की जान पर अब हरियाणा में घट रहा निवेश, जानें बड़ा कारण जो चौंका देगा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/05/01/bc1d2715c1decbd358576dd24f33781f1682924307946121_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Haryana Investment: हरियाणा एक ऐसा निवेश डेस्टिनेशन है जो सालों से देश के नक्शे में औद्योगिक प्रगति के सूचकांक में आगे रहा है. हरियाणा में खासतौर से स्किल के आधार पर चलने वाले मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर्स जैसे ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए आदर्श स्थल रहा है. हालांकि अब एक ऐसा आंकड़ा आया है जो हरियाणा के इस रुतबे को कुछ कम करके दिखाने वाला साबित हो रहा है. जानिए इस लेख के जरिए ऐसी बातें जिसकी आपको खबर शायद नही होगी-
क्या कहता है हरियाणा का औद्योगिक आंकड़ा
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के औद्योगिक आंकड़ों को देखें तो साल 2022-23 में देश के नए निवेश प्रोजेक्ट्स में से हरियाणा का योगदान घटकर 1.06 फीसदी पर आ गया है. ये इसका छह साल का निचला स्तर है जो कि एक साल पहले करीब 3 फीसदी पर था. देश के इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स में हरियाणा का योगदान घटना चिंता का बड़ा कारण हो सकता है क्योंकि ये राज्य पिछले कुछ सालों से इस दिशा में तेज विकास दर हासिल कर रहा था.
जानें और गहराई से
हरियाणा के इंडस्ट्रियल योगदान को देखें तो इसके साल 2022-23 में इंवेस्टमेंट आउटपुट में 30 फीसदी का लेवल आ गया है और ये घटकर 39,000 करोड़ रुपये पर आ गया है. ये भारी गिरावट दिखाता है क्योंकि साल 2021-22 में ये आंकड़ा 56,000 करोड़ रुपये का था. इसके चलते ही ये साल 2022-23 में 9वें स्थान से फिसलकर 13वें स्थान पर आ गया है. वहीं अगर मैन्यूफैक्चरिंग निवेश की बात करें तो ये 60 फीसदी गिरकर केवल 9500 करोड़ रुपये तक आ पहुंचा है.
क्यों आ रही है हरियाणा में निवेश में गिरावट
हरियाणा में नए निवेश में आ रही गिरावट के पीछे एक बड़ा कारण है. साल 2022 की शुरुआत में हरियाणा में एक नया नियम लाया गया कि निजी नौकरियों में से 75 फीसदी जॉब हरियाणा के लोकल निवासियों को दी जाएगी. इसमें वौ नौकरियां रखी गई हैं जिनकी मंथली सैलरी 30,000 रुपये तक होती हैं. हालांकि इस नियम को अदालत में चुनौती दी गई है लेकिन इसको लागू करने की चिंताओं से जुड़े मसले निवेशकों के निवेश के फैसलों पर असर डाल रहे हैं.
किन-किन कंपनियों पर पड़ रहा है
मारुति सुजुकी राज्य के सबसे पुराने और दिग्गज निवेशकों में से एक है और यहां की सबसे बड़ी निवेशक कंपनी का रुतबा रखती थी- उसने भी साल 2022-23 में 18,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का एलान किया था जो कि साल 2022-23 का इसका सबसे बड़ा निवेश था. हालांकि मारुति ने अब 24,000 करोड़ रुपये के निवेश को कहीं और करने का एलान किया है. इसे इस उदाहरण से समझ सकते हैं कि साल 2021-22 में मैन्यूफैक्चरिंग, इंडस्ट्रियल पार्क, रोडवेज और रियल्टी प्रोजेक्ट्स का हरियाणा के नए निवेश प्रोजेक्ट्स में प्रमुख हिस्सा था जबकि साल 2022-23 में जो प्रोजेक्ट्स आए हैं वो मुख्य तौर पर रियलटी सेक्टर से जुड़े हुए हैं.
रियल्टी प्रोजेक्ट्स की आमद राज्य में बढ़ रही
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के 10 में से 6 प्रोजेक्ट्स केवल रियल्टी प्रोजेक्ट्स थे और ये आंकड़ा पिछले साल यानी वित्त वर्ष 2022-23 का है. इसके अलावा एक और अहम आंकड़ा है कि राज्य के पास जितने नए प्रोजेक्ट्स आए जिनकी कीमत 39,117.31 करोड़ रुपये है उनमें से 46 फीसदी प्रोजेक्ट्स केवल रियलटी से हैं जिनकी कीमत 17,986 करोड़ रुपये है.
इससे साफ है कि हरियाणा में अब कम स्किल्ड प्रवासी मजदूरों को ज्यादा काम मिल रहा है और ये हरियाणा के नए निवेश प्रोजेक्ट्स की बदलती तस्वीर को दिखाती है.
ये भी पढ़ें
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)