आईटी सेक्टर के हालात इन दिनों ठीक नहीं चल रहे हैं. विभिन्न चुनौतियों के बीच दिग्गज आईटी कंपनियों में रोजगार के अवसर कम होने लगे हैं. मार्च तिमाही के दौरान लगभग सभी बड़ी आईटी कंपनियों के हेडकाउंट में कमी आई है. हालांकि एचसीएल टेक इंडस्ट्री के इस ट्रेंड को मात दे रही है.


मार्च तिमाही में हेडकाउंट का हाल


मार्च तिमाही के दौरान एचसीएल टेक के कर्मचारियों की संख्या में 2,725 की बढ़ोतरी हुई है. 31 मार्च 2024 को समाप्त हुई तिमाही के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी में कर्मचारियों की कुल संख्या बढ़कर 2 लाख 27 हजार 481 पर पहुंच गई है. इससे पहले 31 दिसंबर 2023 को समाप्त हुई तिमाही के बाद एचसीएल टेक के कुल कर्मचारियों की संख्या 2 लाख 24 हजार 756 रही थी.


पूरे वित्त वर्ष में इतनी बढ़ी संख्या


एचसीएल टेक ने यह जानकारी मार्च तिमाही के लिए जारी वित्तीय परिणाम के साथ दी है. पूरे वित्त वर्ष के हिसाब से भी एचसीएल टेक के कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है. 31 मार्च 2023 को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2022-23 के बाद कंपनी में कुल 2 लाख 25 हजार 944 कर्मचारी थे. इस तरह पूरे वित्त वर्ष में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में 1,537 की बढ़ोतरी हुई है. इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी का हेडकाउंट 3,674 बढ़ा था.


ऐसा है आईटी सेक्टर का ट्रेंड


तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी में कर्मचारियों की संख्या ऐसे समय बढ़ रही है, जब पूरी इंडस्ट्री में नौकरियां कम हो रही हैं. देश की पांच सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में एचसीएल टेक को छोड़कर सभी के कर्मचारियों की संख्या कम हो रही है. चाहे सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस हो या एचसीएल टेक से छोटी विप्रो और टेक महिंद्रा, हालिया महीनों में सभी के कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है.


अन्य प्रमुख कंपनियों का हाल


आईटी सेक्टर की सबसे बड़ी और देश की दूसरी सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी टीसीएस ने मार्च तिमाही के दौरान वर्कफोर्स में 1,759 कर्मचारियों को कम किया है, जबकि पूरे वित्त वर्ष में टीसीएस के कुल कर्मचारियों की संख्या में 13 हजार 249 की गिरावट आई. इसी तरह दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस ने मार्च तिमाही में 5,423 और पूरे वित्त वर्ष में 25,994 कर्मचारियों की कटौती की. विप्रो की तिमाही व पूरे वित्त वर्ष की कटौती क्रमश: 6,180 और 24,516 कर्मचारियों की रही. टेक महिंद्रा ने चौथी तिमाही में 795 और पूरे वित्त वर्ष में 6,945 की कटौती की.


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