Apple: देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी ने आईफोन बनाने वाले दिग्गज कंपनी एप्पल से अपनी पार्टनरशिप खत्म कर दी है. इसके चलते अब आईफोन समेत एप्पल (Apple) के अन्य प्रोडक्ट पर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की ओर से कोई डिस्काउंट नहीं दिया जाएगा. फेस्टिव सीजन से पहले यह बैंक के कस्टमर के लिए एक झटका है. उन्हें त्योहारों के दौरान बैंक की तरफ से एप्पल के प्रोडक्ट पर कोई स्पेशल डील नहीं मिलने वाली है. एप्पल और एचडीएफसी बैंक की यह पार्टनरशिप 5 साल पूरे कर चुकी थी. 


पार्टनरशिप की लागत और आय का रिव्यू कर रहा बैंक 


एचडीएफसी बैंक के ग्रुप हेड पराग राव (Parag Rao) ने कहा कि वह इस पार्टनरशिप की लागत और आय (Cost-to-Income) का रिव्यू कर रहे हैं. हमने पार्टनरशिप से सिर्फ अस्थायी ब्रेक लिया है. हमने एक साथ 5 साल तक काम किया. हमारे इस कंपनी के साथ बहुत अच्छे रिश्ते हैं. हालांकि, अब इसको रिव्यू किया जाना बहुत जरूरी हो गया था. एप्पल और एचडीएफसी बैंक की पार्टनरशिप के चलते क्रेडिट कार्ड के जरिए कंपनी के प्रोडक्ट्स पर कैशबैक और ईएमआई की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, जो अब संभव नहीं होगी. 


एप्पल के अन्य बैंकों से जुड़ने के चलते बिगड़ गई बात 


एप्पल की वेबसाइट के अनुसार, वह अमेरिकन एक्सप्रेस (American Express), एक्सिस बैंक (Axis Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) के कार्ड पर कैशबैक और ईएमआई की सुविधा दे रहे हैं. पराग राव ने कहा कि एप्पल ने कई बैंकों से समझौता कर लिया है. पिछले 5 साल से सिर्फ हम उन्हें यह सेवा दे रहे थे. ऐसे में पार्टनरशिप को लेकर विचार करना बहुत जरूरी हो गया था. उन्होंने कहा कि बैंक फेस्टिव सीजन को लेकर तैयार है. हमें यकीन है कि डिपॉजिट और क्रेडिट ग्रोथ तेजी से होगी. 


पेजैप में किए सुधार, एनपीसीआई के साथ कर रहे काम 


उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अनसिक्योर्ड रिटेल लोन को लेकर चिंता जताई थी. मगर, हमारे पोर्टफोलियो में ऐसी कोई चिंता करने वाली बात नहीं है. हमने कभी भी नीतियों के खिलाफ जाकर काम नहीं किया है. हम देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक हैं. हमें जोखिम भरा बिजनेस नहीं चाहिए. हमने पेजैप (PayZapp) में कई सुधार किए हैं. हमारे इस पेमेंट एप के पास 1.4 करोड़ कस्टमर हैं. हम एनपीसीआई (NPCI) के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.


ये भी पढ़ें 


Textile Sector: भारत की इस टेक्सटाइल कंपनी को भरपूर मिल रहा काम, बांग्लादेश में अस्थिरता से क्यों हो रहा फायदा