HDFC Bank Update: क्यों एचडीएफसी बैंक के इस फैसले के चलते आ सकती है भारत-जापान के आर्थिक रिश्तों में दरार?
HDB Financial Services: एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में हिस्सेदारी खरीदने को लेकर एचडीएफसी बैंक और मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप के बीच 2 साल से बातचीत चल रही थी जिसकी जानकारी सरकार को भी थी.
India-Japan Relations: निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के बोर्ड के एक फैसले के चलते भारत (India) और जापान (Japan) के बीच दशकों पुराने आर्थिक रिश्तों में दरार आ सकती है. एचडीएफसी बैंक के बोर्ड ने नॉन-बैकिंग सब्सिडियरी एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (HDB Financial Services) में जापान की मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (MUFG) की 2 बिलियन डॉलर में 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. अगर ये डील हो जाती तो भारत के फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश होता. एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में हिस्सेदारी बेचने की जगह आरबीआई (RBI) के रेगुलेशंस के तहत एचडीएफसी बैंक कंपनी की स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग पर जोर देगी.
MUFG की भारत में एंट्री पर ब्रेक!
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी बैंक होल्डिंग कंपनी मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (Mitsubishi UFJ Financial Group), एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में हिस्सेदारी खरीदना चाहती थी. जापान की ये फाइनेंशियल दिग्गज एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में स्टेक लेने के बाद एचडीएफसी बैंक के साथ कंपनी में को-प्रमोटर हो जाती. मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल के लिए एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में हिस्सेदारी खरीदने के बाद दुनिया की सबसे तेज गति से विकास करने वाली भारतीय अर्थव्यवस्था के फाइनेंशियल मार्केट में एंट्री का रास्ता साफ हो जाता लेकिन अब इस विराम लग गया है. रिपोर्ट के मुताबिक मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल और एचडीएफसी बैंक ने इस खबर पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
भारत-जापान के बीच आर्थिक रिश्तों में दरार संभव
एचडीएफसी बैंक के मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल को स्टेक नहीं बेचने के फैसले के चलते जापान में रोष दिख सकता है क्योंकि जापान की सरकार भी इस डील का समर्थन कर रही थी. जापान की सरकार ने भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेशी मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को भी डील को समर्थन देने बात से अवगत करा दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक आखिरी मौके पर डील नहीं होने पर जापान, भारत सरकार के सामने अपनी निराशा प्रकट कर सकता है. साथ ही इसका असर भारत और जापान के बीच आर्थिक और सामरिक रिश्तों पर भी पड़ने की आशंका है. साल 2021 से ही दोनों पक्षों के बीच इस डील को लेकर बातचीत चल रही थी. जापान में आर्थिक स्लोडाउन के चलते वहां की दिग्गज फाइनेंशियल कंपनियां एशिया के दूसरे देशों में निवेश की संभावनाओं की तलाश कर रही हैं.
एचडीबी फाइनेंशियल की होगी लिस्टिंग
एचडीएफसी बैंक के बोर्ड के इस फैसले के बाद एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज की स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग की संभावना तेज हो गई है. भारतीय रिजर्व बैंक ने एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज को 16 अपर-लेयर नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों में शामिल किया है. इन कंपनियों को सितंबर 2025 से पहले स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट कराना जरूरी है. 2024 की आखिरी तिमाही या 2025 की पहली तिमाही में एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज की स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग कराई जा सकती है. जुलाई 2024 में ही एचडीएफसी बैंक के बोर्ड ने एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज की स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.
ये भी पढ़ें
एयर इंडिया के खिलाफ DGCA का एक्शन, अनक्वालिफाइड पायलट के साथ फ्लाइट ऑपरेट करने पर ठोंका जुर्माना