HDFC BANK के यूपीआई ट्रांजेक्शन्स पर 10 जुलाई से लगेगा चार्ज
नई दिल्लीः देश में डि़जिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए कोशिशें के बीच बैंकों के लगातार ऑनलाइन,डिजिटल ट्रांजेक्शन्स पर चार्जेज लगाने की खबरें भी आ रही हैं. देश के दूसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक ने 10 जुलाई से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए लेनदेन पर चार्ज लेने का ऐलान कर दिया है.
एचडीएफसी ने एक ई-मेल के जरिए ग्राहकों को यूपीआई के जरिए लेनदेन पर 10 जुलाई से चार्ज लेने की सूचना दी है. 10 जुलाई से खाताधारकों को 1 रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक के यूपीआई ट्रांजेक्शन पर 3 रुपये चार्ज+सर्विस टैक्स देना होगा. वहीं 25 हजार रुपये से ज्यादा और 1 लाख रुपये तक के लेनदेन पर 5 रुपये का चार्ज देना होगा.
- यूपीआई क्या है/इसके खास फायदे जानें यूपीआई यानी यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (Unified Payment Interface) पैसे भेजने का एक नया तरीका है. NEFT, RTGS और IMPS सिस्टम के जरिए पैसा भेजा जाने के मुकाबले यूपीआई ज्यादा एडवांस्ड तरीका है. इसे आम लोग भी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं.
- यूपीआई हर बैंक का अपना बैंकिंग मोबाइल ऐप है जिसपर यूनिक आईडी और यूपिन सेट करके आप कहीं से भी पैसे का लेनदेन कर सकते हैं. इसके लिए आपके पैसा भेजने के लिए दूसरे के बैंक खाते की डिटेल्स जैसे अकाउंट नंबर, ब्रांच का नाम, अकाउंट होल्डर का नाम या आईएफएससी कोड जानना जरूरी नहीं है.
- यूपीआई की खास बात ये है कि अगर आपको किसी से पैसा चाहिए या भेजना हो और आप उसे बैंक खाता नहीं बताना चाहते हैं तो यूपीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- यूपीआई का इस्तेमाल करने के लिए आपको खाते से पैसा हटाकर किसी वॉलेट में ट्रांसफर करना नहीं पड़ता.जब भी पैसा भेजते हैं तभी ये आपके खाते से निकलता है यानी ग्राहक को ब्याज का नुकसान नहीं होता है. जबकि मोबाइल वॉलेट में पैसा डालना पड़ता है
- यूपीआई एप के जरिए आप बिना बैंक खाता जाने भी पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं क्योंकि दरअसल ये एप बैंक खाते के अलावा वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) के जरिए भी पैसा ट्रांसफर करता है. यूपीआई पेमेंट सिस्टम आपके मोबाइल नंबर के जरिए आपके खाते की जानकारी लेता है. यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम मोबाइल एप पर आधारित है जिसके लिए इंटरनेट वाले स्मार्टफोन की जरूरत होती है.
हाल ही में एनपीसीआई (नेशनल पेमेंट कमीशन ऑफ इंडिया) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि अब तक कोई बैंक यूपीआई ट्रांजेक्शंस पर फीस नहीं ले रहा था लेकिन अब बैंक व्यक्तिगत तौर पर या पी2पी यूपीआई लेनेदेन पर चार्ज लगाने का फैसला कर रहे हैं. एसबीआई ने यूपीआई ट्रांजेक्शंस पर चार्ज लेने की शुरुआत की जिसके बाद और बैंक भी ऐसा करने लगे हैं. स्टेड बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने 1 जून से यह शुल्क लेना शुरू कर दिया है, तो अब एचडीएफसी बैंक इसे 10 जुलाई से शुरू करने का ऐलान कर चुका है. माना जा रहा है कि धीरे-धीरे सभी बैंक इसी तरह का फैसला ले सकते हैं पर डि़जिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की सरकारी कोशिशोे के रास्ते में ये कदम बाधा साबित हो सकता है.