नई दिल्लीः एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि उनके अनुमान में तैयार खड़े मकानों के भाव 20 फीसदी तक कम हो सकते हैं. उन्होंने कैश मनी की समस्या से निपटने के लिए हाउसिंग डेवलपमेंट कंपनियों को तैयार मकानों को जल्द से जल्द बेचने की कोशिश करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण बने आर्थिक संकट का निश्चित असर घरों की बिक्री पर पड़ेगा.


इसी बीच रियल एस्टेट से जुड़े विभिन्न संगठनों से सरकार से शारीरिक दूरी की शर्तों के साथ निर्माण गतिविधियां शुरू करने की अनुमति मांगी है. साथ ही कैश की समस्या से निपटने के लिए सरकार से राहत पैकेज देने की भी मांग की. हालांकि संगठनों ने लॉकडाउन (सार्वजनिक पाबंदी) को तीन मई तक बढ़ाए जाने का स्वागत किया है.


ज्यादा फायदा कमाने के चक्कर में न रहें- पारेख
एचडीएफसी के दीपक पारेख ने डेवलपरों को सुझाव दिया कि वह बहुत ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में ना रहें, यह लॉन्ग टर्म में उनके कारोबार को प्रभावित करेगा.


रियल एस्टेट की कीमतें 20 फीसदी नीचे आ सकती हैं- दीपक पारेख
रियल एस्टेट क्षेत्र के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि रियल एस्टेट की कीमतें 20 फीसदी नीचे आनी चाहिए और यह आएंगी. मेरे हिसाब से नारेडको का अनुमान 10 से 15 फीसदी के बीच है. जबकि मेरा मत है कि हमें 20 फीसदी तक कीमतें नीचे आने के लिए तैयार रहना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि पहले से तैयार फ्लैटों के दाम में भी कमी आएगी, लेकिन डेवलपर बाद में दाम बढ़ने के इंतजार में इन्हें बिना बेचे हुए बैठे हैं.


बिना बिके फ्लैटों का बोझ घटना चाहिए
पारेख ने कहा, ‘‘समझौता, समझौता और समझौता, हमें समझौता करना होगा. अपने ऊपर से बिना बिके फ्लैटों का बोझ घटाना होगा, फिर चाहे कोई भी कीमत मिले. आपको कैश चाहिए.’’ उन्होंने रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग सुधरने में कम से कम छह माह का वक्त लगने का अनुमान जताया.


हाउसिंग सेक्टर को कैश की दिक्कत-क्रेडाई चेयरमैन
इस बीच दिल्ली से रियल एस्टेट क्षेत्र के संगठन क्रेडाई के राष्ट्रीय चेयरमैन जक्षय शाह ने बयान में कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सार्वजनिक पाबंदी की अवधि बढ़ाने के फैसले के साथ हैं. हमें सरकार के 20 अप्रैल के बाद की योजना का इंतजार है. हमने सरकार से सीमित निर्माण गतिविधियों के लिए अनुमति देने का भी आग्रह किया है. इससे रियल एस्टेट क्षेत्र को गति देने में मदद मिलेगी.’’ उन्होंने कहा कि हाउसिंग सेक्टर इस समय कैश की चुनौती का सामना कर रहा है. समय की नजाकत को देखते हुए रिजर्व बैंक को इसके लिए आर्थिक राहत पैकेज जारी करना चाहिए.


पुरवांकारा लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आशीष आर. पुरवांकारा ने कहा कि देशवासियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए सार्वजनिक पाबंदी को बढ़ाया जाना प्राथमिकता है. उद्योग क्षेत्रों को पाबंदी हटने के बाद हालातों के साथ समायोजन में कुछ समय लगेगा. हमें 20 अप्रैल के बाद प्रत्येक राज्य के परामर्श जारी करने का इंतजार है.


अन्य संस्थानों का मत भी लगभग समान
हाउसिंग डॉट कॉम, मकान डॉट कॉम और प्रॉप टाइगर डॉट कॉमके समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव अग्रवाल ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के फैलने का जोखिम अभी भी ऊंचा बना हुआ है. ऐसे में सरकार का सार्वजनिक पाबंदी को बढ़ाना एक सही निर्णय है.’’ महागुन समूह के निदेशक धीरज जैन ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के इस फैसले के साथ मजबूती से खड़े हैं. हालांकि सरकार को क्षेत्र की मदद के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए.


गुलशन होम्ज के निदेशक दीपक कपूर ने कहा कि डेवलपरों की कैश समस्या से निपटने के लिए बैंकों को उनके लोन की वन टाइम रीस्ट्रक्चरिंग करनी चाहिए.