HDFC- HDFC Bank Merger: HDFC भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में से एक है, जो अब एचडीएफसी बैंक के साथ मर्ज होने वाली है. जून तक इन दोनों को मर्जर पूरा कर लिय जाएगा. एचडीएफसी के ग्राहकों, कर्जदारों और जमाकर्ताओं के लिए कुछ नियम बदल जाएंगे.
एचडीएफसी के वेबसाइट के मुताबिक, करीब 21 लाख डिपॉजिट अकाउंट एचडीएफसी के पास हैं. अगर आप भी इनमें से एक हैं तो आइए जानते हैं दोनों के मर्जर के बाद आपके लिए क्या बदल जाएगा.
एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी एफी रेट्स
एचडीएफसी बैंक में एफडी पर ब्याज एचडीएफसी की तुलना में कम है. ऐसे में अगर आपने एचडीएफसी में 66 महीने के टेन्योर के लिए 2 करोड़ रुपये से कम का निवेश किया है तो आपको सालाना 7.45 फीसदी ब्याज सालाना दिया जाएगा. वहीं एचडीएफसी बैंक की ओर से इस टेन्योर पर ब्याज 7 फीसदी का दिया जा रहा है.
हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के रिटेल डिपॉजिटरों के लिए ब्याज रेंज 6.95 फीसदी से लेकर 8 फीसदी तक है. रिटेल निवेशकों के लिए 22 महीने से 120 महीने के बीच का टेन्योर पेश किया जा रहा है. एचडीएफसी बैंक की ओर से रिटेल निवेशकों के लिए ब्याज रेंज 3 फीसदी से लेकर 7.5 फीसदी तक का है.
सीनियर सिटीजन के लिए HDFC बैंक और HDFC एफडी
सीनियर सिटीजन के लिए हाउसिंग फाइनेंस कंपनी 2 लाख तक के जमा पर 0.25 फीसदी ज्यादा दे रहा है. हालांकि एचडीएफसी बैंक 0.50 फीसदी ज्यादा ब्याज सीनियर सिटीजन को दे रहा है.
क्या होगा असर
एचडीएफसी की एफडी में निवेश करने वाले लोगों को मर्जर के बाद कुछ परिवर्तन से गुजरना होगा. जिन लोगों ने रिन्यूअल का विकल्प चुना है, उनकी एफडी एचडीएफसी बैंक के मुताबिक कर दी जाएगी और जिन लोगों ने इसका विकल्प नहीं चुना है, उनपर कोई बदलाव नहीं होगा. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रीमैच्योर विड्रॉल का नियम भी बदल जाएगा और फिक्स्ड डिपॉजिट पर होने वाले बीमा को लेकर भी नियम एचडीएफसी बैंक के अनुसार किया जा सकता है.
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