HDFC-HDFC Bank Merger News: देश की कॉर्पोरेट हिस्ट्री (Corporate History) में एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और एचडीएफसी (HDFC) का विलय सबसे बड़ा ट्रांजेक्शन साबित होगा. यह विलय इस महीने होने की उम्मीद है. वही इस बारे में एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख (Deepak Parekh, HDFC Chairman) ने विलय को लेकर बड़ा बयान दिया है. पारेख ने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हमें इस विलय के लिए प्रोत्साहन किया है. HDFC अभी एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) है. NBFC के रेगुलेशन के लिए RBI के नियम आये दिन सख्ती हो रही हैं.


डूब चुकी है कई कंपनियां 
चेयरमैन दीपक पारेख ने कोलकाता में एक कार्यक्रम में कहा कि 'हमें पता था कि RBI बड़ी एनबीएफसी के लिए सख्त गाइडलाइंस पेश करने जा रहे है. पिछले 3 से 4 साल में करीब आधा दर्जन बड़ी कंपनियां डूब चुकी हैं. उन्होंने कहा कि RBI ने हमें प्रोत्साहित किया है कि अगर हम विलय करते हैं तो अच्छा रहेगा. हमें एनबीएफसी होने के चलते कई नुकसान हो रहा था. वही दूसरी तरफ हमें बैंकों को मिलने वाले फायदे भी नहीं मिल रहे थे.


NBFC सेक्टर को लगा बड़ा झटका 
बता दें कि RBI ने बड़ी एनबीएफसी (NBFC) के लिए नियमों को काफी सख्त बना दिया है. उनके लिए बैंकों के सख्त रेगुलेशंस बनाए हैं. एनबीएफसी के लिए मौजूदा नियमों की कमियां दूर की जा रही हैं. 2018 में Infrastructure Leasing &amp, Financial Services (IL&FS) के डूबने के बाद एनबीएफसी सेक्टर को काफी झटका लगा था. उसके भी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital), दीवान हाउसिंग फाइनेंस (Dewan Housing Finance) और SREI जैसी कंपनियां दिवालिया हो चुकी हैं. 


25 नवंबर को हो सकती है बैठक
एचडीएफसी होम लोन देने वाली देश की सबस बड़ी कंपनी है. सभी शेयरधारकों की बैठक 25 नवंबर को होनी है. एचडीएफसी ने स्टॉक एक्सचेंजों को जानकारी दी है कि इस बैठक में विलय के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद उसे मंजूरी मिल सकेगी. HDFC Ltd को अपनी सब्सिडियरी HDFC Property Ventures (HPVL) को HDFC Bank को ट्रांसफर करने के लिए पहले ही SEBI की मंजूरी मिल चुकी है.


ये है नए नियम 
इस साल 19 अप्रैल को RBI ने एनबीएफसी के लिए डिटेल गाइडलाइंस जारी की थी. उनके लेंडिंग और डिस्कलोजर नियम भी बैंकों की तरह बनाए गए हैं. नए नियमों के तहत कोई एनबीएफसी किसी एक कंपनी को अपने कैपिटल बेस के 20 फीसदी से ज्यादा लोन नहीं दे सकती है. एक्सपोजर लिमिट को 25 फीसदी तक ले जाने के लिए बोर्ड को अतिरिक्त 5 फीसदी लोन के लिए एप्रूवल देना होगा. 


ये है शर्त 
नए नियमों के अनुसार बोर्ड की मंजूरी के बिना मध्यम और बड़े आकार के एनबीएफसी अपने डायरेक्टर्स या डायरेक्टर्स के रिश्तेदारों को 5 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा अमाउंट के लोन नहीं दे सकती. ये नियम 1 अक्टूबर से लागू हो चुके हैं.


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