HDFC Mutual Fund Update: भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में साल 2021 से ही लगातार तेजी देखी जा रही है. निफ्टी 500 ने पिछले तीन वर्षों में सलाना 21 फीसदी के दर से रिटर्न दिया है. ये तेजी ब्रॉड बेस्ड रही है यानि सभी सेक्टर्स के स्टॉक्स में तेजी रही है. लेकिन सबसे बड़ी तेजी मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में देखने को मिली है. लेकिन आने वाले दिनों में लॉर्ज-कैप सेगमेंट निवेशकों के लिए बड़ा अवसर लेकर आ रहा है. एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि क्यों लॉर्ज कैप सेगमेंट में अब निवेशकों को निवेश करना चाहिए.      


मार्केट्स में कहां है निवेश के मौके 


शेयर बाजार में इस तेजी का क्रेडिट भारत के शानदार आर्थिक विकास दर, उम्मीद से बेहतर कॉरपोरेट अर्निंग्स, सेंट्रल बैंकों द्वारा सिस्टम में नगदी डालने और घरेलू निवेशकों के निवेश में भारी उछाल को जाता है. पर सवाल उठता है कि शेयर बाजार में बीते तीन सालों में शानदार तेजी के बाद निवेशकों के लिए कहां हैं निवेश के अवसर. बीएसई 100 का मार्केट कैप बीएसई 500 के मार्केट कैप के मुकाबले 10 सालों के निचले लेवल पर है. 31 जुलाई 2024 को ये रेश्यो 64 फीसदी पर था जबकि 10 सालों का औसत 72 फीसदी रहा है जो कि दर्शाता है कि लार्ज-कैप स्टॉक्स ने ब्रॉडर मार्केट में अंडरपरफॉर्म किया है. लॉर्ज-कैप स्टॉक्स में मिड-कैप और स्मॉल-कैप के मुकाबले कम तेजी देखने को मिली है. 


एफआईआई का फ्लो आएगा लार्ज कैप में!


पिछले तीन सालों में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 80 बिलियन डॉलर के करीब निवेश किया है. इसके मुकाबले विदेशी संस्थागत निवेशकों ने केवल 5 बिलियन डॉलर ही निवेश किया है. लोकसभा चुनाव अब पीछे छूट चुका है और आने वाले दिनों में भारत के आर्थिक विकास में तेजी आएगी इसे देखते हुए विदेशी निवेश के फ्लो में आने वाले दिनों में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है. एफआईआई का 80 फीसदी निवेश लॉर्ज-कैप स्टॉक्स में है और आने वाले दिनों में भी एफआईआई निवेश बढ़ता है तो लॉर्ज-कैप कैटगरी को बड़ा फायदा हो सकता है. ब्याज दरों में कटौती से डॉलर कमजोर होगा. साथ ही स्थिर या रुपये में मजबूती आने पर भारतीय शेयर बाजार में एफआईआई इंवेस्टमेंट बढ़ेगा.  


क्यों आई बाजार में तेजी


एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने अपने रिपोर्ट में बताया कि भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली है उसका मुख्य कारण कॉरपोरेट इंडिया के शानदार अर्निंग ग्रोथ और लचीला बैलेंसशीट को जाता है. कंपनियों के कर्ज में कमी आई है. साथ ही नगदी का भी तेजी में बड़ा योगदान रहा है. कोविड के दौरान सेंट्रल बैंकों ने सिस्टम में नगदी डाले. ज्यादा नगदी के चलते ब्याज दरों में कमी आई है जिससे कंपनियों को फायदा हुआ. मजबूत जीडीपी ग्रोथ के चलते घरेली निवेशकों का भरोसा बढ़ा साथ ही निवेशकों की संख्या भी बढ़ी. 2020 में जहां 4 करोड़ केवल डिमैट खाते थे उनकी संख्या बढ़कर 15 करोड़ के पार जा पहुंची है. ईपीएफओ एनपीएस के फ्लो ने भी बाजार में तेजी में योगदान दिया.