Mediclaim: हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में आम तौर पर समस्याएं नहीं आतीं, लेकिन कभी-कभार ऐसा भी होता है जब पॉलिसीहोल्डर को 24 घंटे से कम समय के लिए अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस में यह शर्त होती है कि क्लेम के लिए कम से कम 24 घंटे का हॉस्पिटैलाइजेशन जरूरी है. हालांकि, आज की तारीख में ऐसी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां भी हैं जहां 24 घंटे नहीं बल्कि 2 घंटे के हॉस्पिटैलाइजेशन के लिए भी आप दावा कर सकते हैं.
निवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस के डायरेक्टर - अंडरराइटिंग, प्रोडक्ट्स एंड क्लेम्स भाबातोष मिश्रा ने एबीपी लाइव को बताया कि आज की तारीख में हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम के लिए 24 घंटे भर्ती होने की जरूरत ज्यादा नहीं होती. बाजार में कई ऐसी पॉलिसियां हैं जो आपको 24 घंटे से कम समय के हॉस्पिटैलाइजेशन के लिए भी क्लेम करने का मौका उपलब्ध कराती हैं.
मिश्रा ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने जा रहा है तो उसे कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. कई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां ऐसी हैं जो डे-केयर के तहत 500-600 तरह के प्रोसीजर्स कवर करती हैं. मेडिकल के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के विकास को देखते हुए ज्यादातर बीमारियों के इलाज या उनके प्रोसीजर के लिए 24 घंटे भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती. उन्होंने बताया कि पॉलिसी लेते समय ही बारीकियों को समझना जरूरी है.
अगर आपने पहले से ही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली हुई है और आपकी पॉलिसी में ऐसी सुविधाएं नहीं हैं तो आप अपनी पॉलिसी किसी दूसरी जनरल इंश्योरेंस कंपनी या हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में पोर्ट भी करवा सकते हैं. अगर आप नई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने जा रहे हैं तो ध्यान रखें कि पॉलिसी डे-केयर के तहत कितने प्रोसीजर्स को कवर करती है और उसमें ओपीडी कवर शामिल है या नहीं.
अभी हाल ही में वड़ोदरा के एक कंज्यूमर कोर्ट निर्देश दिया था कि 24 घंटे से कम हॉस्पिटैलाइजेशन की अवधि के मामले में भी क्लेम मान्य है. यह मामला नेशनल इंश्योरेंस कंपनी से जुड़ा हुआ था.
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