Health Insurance Claim: IRDAI की रिपोर्ट से खुल गई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की पोल, इतने फीसदी लोंगों को नहीं मिलता क्लेम का पैसा
IRDAI के मुताबिक, साल भर में 26 हजार करोड़ के क्लेम का पेमेंट नहीं हुआ. इनमें से 15 हजार करोड़ के क्लेम को यह कह के रिजेक्ट कर दिया गया कि पॉलिसी कांट्रैक्ट के टर्म एंड कंडीशन का पालन नहीं हुआ.
Insurance Ombudsman: हेल्थ इंश्योरेंस कराने की लोगों में होड़ लगी रहती है. सेहत में किसी अनहोनी की आशंका से पैसे के भारी खर्च से बचने के लिए लोग हेल्थ इंश्योरेंस कराते हैं. लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस से कितनों का भला होता है, इसकी पोल खुल गई है. इंश्योरेंस रेगुलेटर इंश्योरेंस रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी आईआरडीएआई की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है.
रिपोर्ट के मुताबिक, हेल्थ इंश्योरेंस के तहत क्लेम का केवल 71 फीसदी ही सेटल होता है. हालांकि, पब्लिक सेक्टर की इंश्योरेंस कंपनियों का इस मामले में रिकॉर्ड अच्छा है. इन कंपनियों ने 103 फीसदी क्लेम का भुगतान किया. वित्तीय वर्ष 2024 में हेल्थ इंश्योरेंस के तहत केवल 83,493 करोड़ का भुगतान किया गया. जबकि हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने 1.1 लाख करोड़ प्रीमियम के रूप में प्राप्त किए. ज्ञात हो कि इंश्योरेंस ओंबुड्समैन ने हेल्थ इंश्योरेंस के तहत सालभर में 34,336 शिकायतें पाईं.
26 हजार करोड़ का क्लेम रिजेक्ट
आईआरडीएआई के आंकड़ों के मुताबिक, साल भर में 26 हजार करोड़ के क्लेम के पेमेंट की मनाही कर दी गई. इनमें से 15 हजार 100 करोड़ के दावों का पॉलिसी कांट्रैक्ट के टर्म एंड कंडीशन का पालन नहीं करने के कारण भुगतान करने से मना किया गया. इसी तरह तीन लाख 60 हजार पॉलिसियों के तहत लगभग 10,937 करोड़ के क्लेम के पेमेंट को रिजेक्ट कर दिया गया. 7,584 के दावे भुगतान के लिए बकाया रह गए. सालभर में एक लाख 10 हजार करोड़ के जो इंश्योरेंस प्रीमियम वसूले गए, उनमें से 40,993 करोड़ सरकारी इंश्योरें, कंपनियों ने प्राप्त किए. इसी तरह 34,503 करोड़ प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनियों और 32,180 करोड़ स्टैंडएलोन बीमा कंपनियों ने हासिल किए.
पुणे, मुंबई, अहमदाबाद, चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा शिकायतें
इंश्योरेेंस ओंबुड्समैन को पुणे, मुंबई, अहमदाबाद और चंडीगढ़ में बीमा कंपनियों के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें मिली. इंश्योरेेंस ओंबुड्समैन ने कुल 34 हजार स्वास्थ्य बीमा शिकायतों में से 6,235 शिकायतों का फैसला पॉलिसी होल्डर के पक्ष में किया.