Health Insurance: कोविडकाल में महंगा न पड़ जाए बीमा कराना, तेजी से बढ़े हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम तो जल्दी करें
Health Insurance Premium: कोविड केस के बढ़ने के साथ ही एक बार फिर हेल्थ इंश्योरेंस के लिए डिमांड बढ़ रही है. हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के प्रीमियम में भी लगातार इजाफा हो रहा है, तो आप भी जल्दी करें.
Health Insurance Premium: कोरोना (Coronavirus) केस के बढ़ने से देश को एक बार फिर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. रोजाना एक लाख से भी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और अस्पतालों (Hospitals) पर बोझ बढ़ रहा है. ऐसे में आपको हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) की महत्ता एक बार फिर याद दिलाना जरूरी है. अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिन्होंने अभी तक हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) नहीं लिया है तो इसे जल्द से जल्द ले लें क्योंकि इसका प्रीमियम (Premium) भी बढ़ती मांग के साथ ऊपर चढ़ रहा है.
मौजूदा वित्त वर्ष में 65-67 फीसदी तक बढ़ा हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों का प्रीमियम लगातार बढ़ता जा रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष में हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम कुल 50 से 65 फीसदी तक बढ़ चुका है. हेल्थ इंश्योरेंस का ही कारोबार वाली हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों में सभी कंपनियों के प्रीमियम की ग्रोथ अप्रत्याशित तरीके से बढ़ी है.
इन कंपनियों के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में हुआ इजाफा
नीवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के प्रीमियम में पिछले साल के मुकाबले 67 फीसदी अभी तक प्रीमियम ग्रोथ दर्ज की गई. स्टार हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भी 27 फीसदी तक बढ़ा है. इस वित्त वर्ष में केयर हेल्थ इंश्योरेंस की प्रीमियम ग्रोथ 50.92 फीसदी रही है और आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में 36.14 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की जा चुकी है.
मणिपाल सिगना हेल्थ इंश्योरेंस ने 30.62 फीसदी की प्रीमियम ग्रोथ हासिर की है.
जानें क्या हैं हेल्थ इंश्योरेंस के फायदे और ध्यान रखने वाली बातें
हेल्थ इंश्योरेंस लेना है तो कम उम्र में ले लें जिससे व्यापक इंश्योरेंस कवरेज, नो क्लेम बोनस जैसी योजना का फायदा ले सकें.
कंपनी का कैशलेस ट्रीटमेंट के बारे में ट्रैक रिकॉर्ड और हॉस्पिटल कवरेज कैसा है जिससे आपको ज्यादा परेशान न होना पड़े.
जिस बीमा कंपनी से हेल्थ इंश्योरेंस ले रहे हैं उसका क्लेम सेटलमेंट रेश्यो कैसा है जिससे ये पता चल सके कि आफ्टर हॉस्पिटलाइजेशन रीइंबर्समेंट क्लेम देने में कंपनी कैसा रिकॉर्ड रखती है.
ये भी पढ़ें