कोरोना संक्रमण के दौर में हेल्थ इंश्योरेंस की मांग काफी बढ़ गई है. लेकिन यह भी सच्चाई है कि इस संक्रमण की वजह से लगे आर्थिक झटकों ने बड़ी तादाद में लोगों को बेरोजगार भी कर दिया है. लाखों लोगों की आय कम हो गई है. नौकरी करने वाले लाखों लोग को बगैर वेतन के छुट्टी पर भेज दिया गया है या उनकी सैलरी में कटौती की गई है. ऐसे में मेडिक्लेम इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम अदा करने में उन्हें मुश्किल हो सकती है. IRDA ने पिछले साल सितंबर में मेडिक्लेम इंश्योरेंस के प्रीमियम पेमेंट के लिए मासिक किस्त का ऑप्शन दिया था और अब लोग इसका लोग बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं.


प्रीमियम EMI को मिल रहा अच्छा रेस्पॉन्स 


इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक आर्थिक संकट के इस दौर में हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम में मासिक किस्त के तौर पर देने के विकल्प का अच्छा इस्तेमाल हो रहा है. इस विकल्प की वजह से मेडिक्लेम पॉलिसी की मांग में खासा इजाफा हुआ है. पिछले साल में सितंबर में IRDA ने हेल्थि इंश्योरेंस कंपनियों को मासिक, तिमाही या सालाना पेमेंट के आधार पर पॉलिसी बेचने की मंजूरी दी थी. कोरोना महामारी के शुरू होने के बाद इस साल अप्रैल में IRDA ने इस सुविधा को बढ़ाने का निर्देश दिया था. अब कई कंपनियां इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर रही हैं.


प्रीमियम के बोझ घटने से ज्यादा लोग ले रहे हैं हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी


इकनॉमिक टाइम्स की खबर में इंडस्ट्री सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि हेल्थ इंश्योरेंस इंडस्ट्री प्रीमियम की रेंज 7,000-18,000 रुपये सालाना है. इसलिए मासिक ईएमआई 580 रुपये से 1,500 रुपये तक है. ज्यादातर लोग फर्स्ट टाइम बायर हैं. इसलिए उनके लिए मासिक किस्त चुकाना सुविधाजनक है. अगर आपने भी अब तक हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लिया है तो इस विकल्प का इस्तेमाल कर मेडिक्लेम पॉलिसी ले सकते हैं. यह विकल्प आपकी जेब पर भारी नहीं पड़ेगा.


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