Health Insurance Premium Increase: फाइनेंशियल एडवाइजर्स कहते हैं कि नौकरी की शुरुआत के साथ ही पर्याप्त टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस कवर ले लेना चाहिए. आजकल लोग भी जागरूक हो गए हैं, खास तौर से शहरों में रहने वाले. ऐसे ही एक सज्जन हैं राजेश जी. उन्होंने 13 साल पहले 10 लाख रुपये की फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी. बीते साल उन्होंने 24,936 रुपये का प्रीमियम दिया था. उनके पांव के नीचे से जमीन तब खिसक गई, जब इस साल रिन्यूअल प्रीमियम 36,661 रुपये देने का ईमेल उन्हें मिला. राजेश जी अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जिनके हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है. हो सकता है कि ऐसा आपके साथ भी हुआ हो. लेकिन क्या अपने इसकी वजह जाननी चाही है? आइए, जानते हैं कि किस कारण हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में बढ़ोतरी होती है.
पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के बिजनेस हेड-हेल्थ इंश्योरेंस सिद्धार्थ सिंघल कहते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी कंपनियों पर निर्भर करती है. साल 2022 में औसतन हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में 15 से 20 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है.
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी की बड़ी वजह है कोविड
सिंघल ने बताया कि हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोत्तरी के पीछे 2020 में आई कोरोना महामारी एक बड़ी वजह रही है, क्योंकि कोरोना महामारी के आने के बाद से हेल्थ इंश्योरेंस और जनरल इंश्योरेसं दोनों के क्लेम और क्लेम के साइज में काफी वृद्धि देखी गई. कोरोना महामारी के आने के पहले एक औसत क्लेम 60,000 रुपये को होता था लेकिन कोरोना महामारी के बाद ये बढ़कर 80,000 पहुंच गया. साथ ही मेडिकल इंफ्लेशन भी 14 प्रतिशत बढ़ा है. इसलिए इन दोनों बातों देखते हुए सभी कंपनियों ने अपनी फाइनेंशियल हेल्थ को बनाए रखने के लिए और अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रीमियम में बढ़ोतरी का फैसला किया है.
बढ़ती उम्र भी प्रीमियम में इजाफे का है कारण
ए एंड एम इंश्योरेंस ब्रोकर्स के सीईओ अखिल महाजन कहते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ हेलथ इंश्योरेंस के प्रीमियम में भी बढ़ोतरी होती है. जनरल इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां आम तौर पर 20 से 25 वर्ष, 25 से 30 वर्ष, 30 से 35 वर्ष, 35 से 40 वर्ष, 40 से 45 वर्ष जैसे उम्र के स्लॉट रखते हैं. उन्होंने बताया कि मान लीजिए कोई व्यक्ति 40 साल की उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस खरीदता है और सारी चीजें सामान्य रहती हैं तो 45 साल की उम्र तक प्रीमियम में कोई बदलाव नहीं होता है. 46वें साल में रिन्यूअल करवाते समय प्रीमियम में इजाफा तय है. ऐसी परिस्थिति में प्रीमियम में कितनी बढ़ोतरी होगी यह कंपनी दर कंपनी अलग-अलग होती है. फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस के मामले में परिवार के सबसे बुजर्ग व्यक्ति की उम्र के हिसाब से प्रीमियम तय होता है.
अब राजेश जी की तरह आप भी समझ गए होंगे कि हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में बढ़ोतरी की क्या वजह है. हालांकि, अगर आप अपना प्रीमियम कम रखना चाहते हैं तो सम इंश्योर्ड कम करते हुए अनलिमिटेड रिस्टोर सुविधा वाली पॉलिसी में पोर्ट करने पर विचार कर सकते हैं.
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