(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ऐसे बचा सकते हैं हेल्थ इंश्योरेंस पर अपना टैक्स, जानिए काम के वो टिप्स जो कोई नहीं बताएगा
इस तरह हेल्थ इंश्योरेंस कराएं और अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा का ख्याल रखें. इसके साथ ही टैक्स छूट का फायदा भी लें.
नई दिल्लीः नई दिल्लीः हेल्थ इंश्योरेंस लेना जहां अपनी सेहत की देखभाल के लिए जरूरी है वहीं इसके जरिए आप टैक्स की भी बचत कर सकते हैं. यहां पर आप जान सकते हैं कि कैसे आपको हेल्थ इंश्योरेंस लेने पर अधिकतम फायदा मिल सकता है.
अगर नौकरीपेशा हैं तो एंप्लॉयर के जरिए कराए जाने वाले मेडिकल इंश्योरेंस को जरूर लें अगर नौकरी करते हैं तो आपकी कंपनी आपको, आपके माता-पिता और बच्चों को हेल्थ इंश्योरेंस मुहैया कराती है और आपको इसे जरूर लेना चाहिए. इसके प्रीमियम के पेमेंट पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80डी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है. जिस मामले में टैक्सपेयर की आयु 60 साल से कम है और उसके माता-पिता की आयु 60 साल से ज्यादा है तो ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम के पेमेंट पर आपको 75,000 रुपये तक के प्रीमियम पर टैक्स छूट के लिए क्लेम किया जा सकता है. हालांकि इसके लिए ये जरूरी है कि एंप्लॉयर ने आपका पूरा प्रीमियम न दिया हो और आप हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम दे रहे हों.
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जो टैक्सपेयर है वो खुद अपने लिए , अपनी पत्नी और बच्चों के लिए 25 हजार रुपये और इसके साथ अपने माता-पिता के लिए अतिरिक्त 25,000 रुपये के हेल्थ पॉलिसी प्रीमियम पर इनकम टैक्स छूट में क्लेम के लिए दावा कर सकता है. आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत इंश्योरेंस प्रीमियम के पेमेंट पर 1 लाख रुपये तक की टैक्स छूट से ज्यादा नहीं मिल सकती है.
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25,000 रुपये या 30,000 रुपये की मैक्सिमम प्रीमियम पेमेंट के सीमा के दौरान प्रिवेंटिव हेल्थ चेक अप की 5000 रुपये की छूट मिलती है. मान लीजिए आप मेडिक्लेम के तहत 20,000 रुपये का प्रीमियम अदा कर रहे हैं और 5000 रुपये तक का हेल्थ चेकअप करा रहे हैं तो ऐसे में सेक्शन 80डी के नियम के तहत पूरे 25,000 रुपये पर टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं.
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