Hero Motors IPO: विदेशी निवेशकों की चौतरफा बिकवाली ने शेयर बाजार के मूड को बिगाड़कर रख दिया है. तो इसका असर आईपीओ मार्केट पर भी पड़ने लगा है. देश की बड़ी टू-व्हीलर कंपनी हीरो मोटर्स कंपनी ग्रुप की ऑटो-कॉम्पोनेंट फर्म हीरो मोटर्स लिमिटेड ने कंपनी के आईपीओ लाने के विचार को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. हीरो मोटर्स लिमिटेड ने शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी के पास 900 करोड़ रुपये के आईपीओ लाने के लिए फाइल किए गए ड्रॉफ्ट पेपर को वापस ले लिया है.    


आईपीओ में 500 करोड़ का फ्रेश इश्यू


हीरो मोटर्स ने सेबी के पास जो प्रस्तावित आईपीओ के लिए ड्रॉफ्ट पेपर जमा कराया था उसके मुताबिक कंपनी 900 करोड़ रुपये के आईपीओ में 500 करोड़ रुपये के शेयर्स का फ्रेश इश्यू के जरिए और 400 करोड़ रुपये के शेयर्स ऑफर फॉर सेल के जरिए बेचने का प्लान बनाया था. ऑफर फॉर सेल के जरिए कंपनी के प्रमोटर्स के कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना थी. ऑफर फॉर सेल में ओ पी मुंजाल होल्डिंग्स 250 करोड़ रुपये, भाग्योदय इंवेस्टमेंट्स और हीरो साइकिल्स 75 करोड़ रुपये के शेयर्स बेचने जा रही थी. हीरो मोटर्स में प्रमोटर ओपी मुंजाल होल्डिंग्स के पास सबसे ज्यादा 71.55 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं भाग्योदय इन्वेस्टमेंट्स के पास 6.28 फीसदी और हीरो साइकिल्स के पास 2.03 फीसदी हिस्सेदारी है. हीरो मोटर्स की 12.27 फीसदी हिस्सेदारी साउथ एशिया ग्रोथ इन्वेस्ट एलएलसी के पास है.


5 अक्टूबर को आईपीओ का प्रस्ताव लिया वापस 


हीरो मोटर्स लिमिटेड ने अगस्त 2024 में आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास ड्रॉफ्ट पेपर दाखिल किया था. आईपीओ के वापस लेने के कारण बताते हुए कंपनी ने कहा, हीरो मोटर्स लिमिटेड ने 5 अक्टूबर 2024 को ड्रॉफ्ट पेपर वापस ले लिया था. ड्रॉफ्ट पेपर्स के मुताबिक नए शेयर्स जारी कर कंपनी जो पैसा जुटा रही थी उसके जरिए कर्ज के भुगतान के साथ कंपनी के उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर स्थित प्लांट के विस्तार के लिए इक्वीपमेंट खरीदने की योजना थी.      


बीएमडब्ल्यू और डुकाटी भी है ग्राहक


हीरो मोटर्स लिमिटेड इलेक्ट्रिक और नॉन-इलेक्ट्रिक दोनों तरह के पावरट्रेन बनाती है. अमेरिका, यूरोप, भारत और आसियान के OEM उसके कस्टमर्स हैं. बीएमडब्ल्यू, डुकाटी, एनवायलो इंटरनेशनल, फॉर्मूला मोटरस्पोर्ट, हमिंग बर्ड ईवी, एचडब्ल्यूए जैसी कंपनी हीरो मोटर्स के कस्टमर्स हैं. हीरो मोटर्स भारत की अकेली ऐसी कंपनी है, जो वैश्विक ई-बाइक कंपनियों के लिए सीवीटी की मैन्युफैक्चरिंग करती है. कंपनी के पास भारत, ब्रिटेन और थाईलैंड में 6 मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी हैं.


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