Crude Oil Price: महंगे कच्चे तेल की कीमतों के मद्देनजर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने तेल उत्पादक देशों को आगाह करते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी क्रूड आयल के दामों में तेजी बनी रही है तो 2008 के समान क्रूड ऑयल की कीमतों में बड़ी गिरावट आ सकती है. उन्होंने कहा कि इतिहास खुद को जरूर दोहराता है. सितंबर 2008 में लेहमैन ब्रदर्स के दिवालिया होने के बाद ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस से पहले उस साल जून महीने कच्चा तेल 147 डॉलर प्रति बैरल के ऐतिहासिक उच्च स्तरों पर जा पहुंचा था. लेकिन इस क्राइसिस के बाद कच्चे तेल की कीमतें औंधे मुंह गिरकर 35 डॉलर बैरल तक जा लुढ़की थी.
अबू धाबी में इंटरनेशनल तेल उत्पादक देशों और दिग्गज तेल कंपनियों की बैठक एडीपेक में भाग लेने पहुंचे पेट्रोलियम मंत्री ने ब्लूमबर्ग के दिए इंटरव्यू में ये बातें कही है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर खुद उन्होंने इस इंटरव्यू के अंश डाले जिसमें उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के दाम घटाने के लिए वो कोई तेल उत्पादक देशों पर दबाव नहीं बना रहे हैं. लेकिन तेल उत्पादक देश कच्चे तेल की कीमतें बढ़ाना चाहते हैं और सोच रहे कि सब अच्छा होगा तो आप मुगालते में हैं. इसके अलग परिणाम भुगतने होंगे. 2008 के समान क्रूड ऑयल की ज्यादा दाम के बाद कीमतें क्रैश भी कर सकती है.
इससे पहले तेल उत्पादक देशों की ग्रुप ओपेक के महासचिव हैथम अल घैस (Haitham Al Ghais) से पेट्रोलियम मंत्री ने मंगलवार को मुलाकात की और उनसे कहा कि सामाजिक उत्थान के लिए एनर्जी प्राइसेज का अफोर्डेबल रहना कितना जरूरी है.
बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. ब्रेंट क्रूड 1.70 फीसदी की गिरावट के साथ 89.17 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है तो WTI क्रूड ऑयल 1.73 फीसदी की गिरावट के साथ 87.50 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. सऊदी अरब और रूस के दिसंबर 2023 तक उत्पादन सप्लाई घटाने के फैसले के बावजूद ग्लोबल डिमांड में कमी की आशंका के चलते कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है.
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