Financial Planning for Kids Education: शिक्षा भी महंगाई से अछूती नहीं है. इस वर्ष भी कई मेडिकल कॉलेजों ने अपनी फीस में अच्छा खासा इजाफा किया है. आज की तारीख में बच्चों के higher education के लिये education corpus तैयार करना बेहद जरुरी है. क्योंकि परिवार में  शादी के बाद किसी मद में सबसे ज्यादा खर्च होता है तो वो बच्चों के उच्च शिक्षा पर. भारत में शिक्षा का खर्च दिनों दिन बढ़ता जा रहा है, जो कि किसी भी अभिभावक के लिये सबसे चिंता का सबब है. 


Ashoka, Jindal या फिर Manipal जैसे प्राइवेट यूनिवर्सिटी Under Graduate कोर्स के लिये सलाना 5 से 11 लाख रुपये तक की फीस लेते हैं. इसलिये बच्चों की शिक्षा के लिये फाइनैंशियल प्लानिंग अभी से शुरू किया जाना बेहद जरुरी है. जिससे बच्चों के बड़े होने पर जब खर्च का समय आये तो अभिभावक पर अचानक वित्तीय बोझ ना पड़े. 


शिक्षा भी महंगाई से अछूती नहीं


शिक्षा लगातार महंगी होती जा रही है. एक अनुमान के मुताबिक हर वर्ष शिक्षा करीब 10 से 12 फीसदी की दर से महंगी होती जा रही है. हर शिक्षण संस्थान प्रत्येक वर्ष अपनी फीस बढ़ाते जा रहे हैं. घर के बाकी खर्चों पर महंगाई के बोझ के मुकाबले शिक्षा के क्षेत्र में महंगाई दोगुनी गति से बढ़ रही है. उदाहरण के लिये आईआईएम बैंगलुरू के दो वर्ष के एमबीए कोर्स के लिये एक दशक पहले 13 लाख खर्च करने पड़ते थे. लेकिन उसी कोर्स के लिये अब 23 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं. 


भविष्य में भी शिक्षा और महंगी ही होगी. उदाहरण के लिये 4 साल की इंजीनियरिंग कोर्स के लिये अभी 12 लाख रुपये चुकाने पड़ते हैं लेकिन दस साल बाद इसी कोर्स के लिये 25 से 30 लाख रुपये के बीच चुकाने पड़ सकते हैं. पांच साल के निजी मेडिकल कॉलेजों में MBBS course के लिये अभी 50 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की फीस देनी होती है. जरा सोचिये 10 साल बाद निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस क्या होगी.  अगर अभी से फाइनैंशियल प्लानिंग नहीं किया गया तो एक मध्यम वर्ग परिवार के लिये अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना असंभव सा हो जाएगा. 


अभी से करे प्लानिंग 


Education cost हर वर्ष 10 फीसदी के दर से महंगी हो रही है. जो अभिभावक अपने बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग या एमबीए करते देखना चाहते हैं उन्हें अभी से बेहतर जगहों पर निवेश शुरू कर देनी चाहिये. ताकि जब बच्चे बड़े हो जायें उनका दाखिला लेने का समय आये तो पर्याप्त फंड मौजूद रहे. सबसे पहले आपको फंड का लक्ष्य तय करना चाहिये. उस दिशा में सेविंग शुरू कर देनी चाहिये. इसके लिये Systematic Investment Planning (SIP) के जरिये निवेश करना चाहिये. इनकम बढ़ने के साथ SIP की रकम की समीक्षा करनी चाहिये और उसे समय समय पर बढ़ाते भी रहना चाहिये. 


म्यूचुअल फंड में SIP के जरिये निवेश करें 


किसी भी निवेशक को भविष्य के फाइनैंशियल लक्ष्य को पूरा करने के लिये SIP के तहत हर महीने म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिये. आप अपने फाइनैंशियल एडवाइजर से बाजार में मौजूद बेहतर म्यूचुअल फंड्स की जानकारी हासिल कर सकते हैं जो शानदार रिटर्न दे रहे हैं. अच्छे म्यूचुअल फंड हाउसेज के  Small Cap, Mid Cap और Large Cap में निवेश करना चाहिये. 


कई जानकार अभिभावक को Term Insurance Plan भी लेने की सलाह देते हैं. अगर अभिभावक की मृत्यु हो जाये तो बच्चों की शिक्षा का लक्ष्य इससे प्रभावित ना हो. साथ ही ज्यादा महंगे चार्ज के चलते Child Product Plans को नजरअंदाज करने की भी सलाह दे रहे हैं.  


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