Milk Prices: महंगे दूध से लोग कर रहे किनारा, अपना रहे अलग सस्ते प्रोडक्ट्स -सर्वे में सामने आया कड़वा सच
Milk Prices: देश में बढ़ते दूध के दाम इस समय आम जनता के लिए किसी परेशानी से कम नहीं हैं और इसके चलते अब उनको ऐसा रास्ता अपनाना पड़ रहा है जो चिंता का सबब हो सकता है. सर्वे में ये बात सामने आई है.
Milk Prices: देश में बढ़ते दूध के दाम इस समय आम आदमी के लिए भारी परेशानी का सबब बने हुए हैं. गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के अंतर्गत आने वाली अमूल कंपनी ने दूध के दामों में 3 फरवरी से बढ़ोतरी की है. दूध के सभी तरह के ब्रांडों के दाम 3 रुपये बढ़ा दिए गए हैं. बीते शुक्रवार यानि 3 फरवरी से ही नई दरें लागू करने की घोषणा कर दी गईं थी.
दूध महंगा- दूध के बने प्रोडक्ट्स महंगे
दूध के ही नहीं दूध से बने प्रोडक्ट्स के दाम में भी जोरदार उछाल देखा जा रहा है और ये एक तरह से अघोषित उछाल है. दूध से बनने वाले प्रोडक्ट्स जैसे दही, घी, पनीर आदि के दाम में अचानक से इतना इजाफा हो गया है कि लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि एकाएक बढ़ी इस महंगाई से कैसे पार पाया जाए.
सर्वे में सामने आया बड़ा सच
ऐसी स्थिति में एक सर्वे कराया गया है जिसमें पता लगाने की कोशिश की गई है कि लोगों की दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स् खरीदने की क्षमता पर क्या असर पड़ा है. सर्वे में पता चला है कि हरेक 10 परिवारों में से 4 परिवार ऐसे हैं जिन्होंने या तो अपने घर में आने वाले दूध की मात्रा कम कर दी है, या फिर वो सस्ते विकल्पों पर आ गए हैं. इसके अलावा कुछ मामलों में तो लोगों ने दूध या दूध के उत्पादों की खरीद ही बंद कर दी है. लोकलसर्किल्स के जरिए किए गए सर्वे में ये बात सामने आई है.
10,000 परिवारों ने सर्वे में लिया हिस्सा
लोकलसर्किल्स के सर्वे में सामने आया है कि देश के 303 जिलों में से 10,000 परिवारों ने सर्वे के सवालों में ये जवाब दिया है कि भारतीय परिवारों पर दूध की बढ़ती कीमतों का बड़ा असर पड़ा है और सारा मामला उनके लिए संवेदनशील है.
लोग सस्ते विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं
लोकलसर्किल्स के सर्वे के मुताबिक जैसे-जैसे दूध के दाम चढ़ रहे हैं, लोग सस्ते विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं. ऐसे लोगों की संख्या अगस्त 2022 में 4 फीसदी थी जो कि फरवरी 2023 में बढ़कर 16 फीसदी पर आ गई है. इसी सर्वे से ये बात सामने आई है कि 19 फीसदी परिवार ऐसे हैं जिन्होंने पूरी तरह अपने घर पर आने वाले दूध की मात्रा कम कर दी है और 3 फीसदी परिवार ऐसे हैं जिन्होंने दूध की खपत ही बंद कर दी है. लोकलसर्किल्स ने ये भी कहा कि इस समय की बड़ी मांग है कि सरकार दूध की बढ़ती कीमतों के मामले में हस्तक्षेप करे और ये सुनिश्चित करे कि साल 2023 में ये और ना बढ़ें.
3 से 5 गुना तक बढ़ चुके हैं दूध के दाम
सर्वे में लोगों ने साफ तौर पर कहा है कि लगातार कई सालों से दूध के अलग-अलग प्रकार के उत्पादों के दाम बढ़ना लोगों के लिए बुरी खबर है. ज्यादातर पॉपुलर ब्रांड्स चाहे वो को-ऑपरेटिव हों या स्टार्टअप्स-उन्होंने एक साल में अपने उत्पादों के दाम 1-3 रुपये हर बार बढ़ाए हैं और इस तरह वो कुल मिलाकर दामों को 3 से 5 गुना तक बढ़ा चुके हैं. अमूल, गोवर्धन के ताजा बढ़ाए गए दाम के तहत 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. इसके चलते घर-परिवारों को इस बात का फैसला करना पड़ रहा है कि वो अपनी दूध की खपत को घटा दें.
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