बुनियादी संरचनाओं पर ध्यान दे रही सरकार हाईवे कंस्ट्रक्शन पर खास ध्यान दे रही है. देश में राजमार्गों के निर्माण में हालिया सालों में काफी तेजी आई है. अब सरकार को हाईवे कंस्ट्रक्शन की कॉस्ट कम करने में भी मदद मिल रही है. एक नई पहल से हाईवे के कंस्ट्रक्शन में हर एक किलोमीटर पर 15-15 करोड़ रुपये की भारी-भरकम बचत हो सकती है.
इस कारण आई लागत में कमी
मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीएम गति शक्ति इनिशिएटिव के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप ने इस नई पहल की पहचान की है, जो नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की परियोजनाओं में 15 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की बचत करा सकती है. इस अनुमानित बचत का कारण एनएचएआई की परियोजनाओं के अलाइनमेंट में बदलाव है.
इस तरह से कम हुई लंबाई
रिपोर्ट में एनपीजी की अगुवाई कर रहे डीपीआईआईटी के स्पेशल सेक्रेटरी सुमित डावरा के हवाले से कहा गया है कि एनएचएआई की प्रोजेक्ट्स के अलाइनमेंट में बदलाव कर विभिन्न एक्सप्रेसवे के कॉरिडोर को इंटीग्रेट किया गया है. इससे सड़कों की ओवरऑल लेंथ में कमी आई है. लागत को कम करने का अनुमान लेंथ की इसी कमी पर आधारित है.
ये है पीएम गति शक्ति का उद्देश्य
पीएम गति शक्ति इनिशिएटिव का उद्देश्य प्रमुख बुनियादी संरचना परियोजनाओं को पूरा करने में लगने वाले समय को कम करना और साथ-साथ कुल लागत को कम करना है. इसके तहत तीन इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म बनाई गई हैं, जिनमें एनपीजी भी एक है. बाकी दो हैं- एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज और टेक्निकल सपोर्ट यूनिट.
इतनी परियोजनाओं की हुई समीक्षा
एनपीजी की शुरुआत अक्टूबर 2021 में हुई. तब से ग्रुप ने 119 बुनियादी संरचना परियोजनाओं की समीक्षा की है, जिनकी सम्मिलित लागत 143.26 बिलियन डॉलर है. ग्रुप ने 200 से ज्यादा स्टेट लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में सुधार की सिफारिश की है, जिनकी वैल्यू 660 मिलियन डॉलर है. एनपीजी का खास फोकस रेल और रोड से जुड़ी परियोजनाओं पर है.
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