Highway Construction: ऐसे कैसे बनेगा नया रिकॉर्ड? पहले महीने ही सरकार को तगड़ा झटका, 75% कम हुआ ये काम
Road Construction: सरकार ने भले ही चालू वित्त वर्ष में राजमार्गों के निर्माण का नया रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य तय किया हो, लेकिन इसकी शुरुआत बहुत धीमी हुई है, जो निराशाजनक संकेत है...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश में बुनियादी संरचना के विकास पर खासा जोर दे रही है. खासकर आवागमन के माध्यमों पर सरकार का ज्यादा ध्यान है. इस कारण चालू वित्त वर्ष में राजमार्गों के निर्माण का नया रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि साल की शुरुआत बहुत खराब हुई है और चालू वित्त वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल 2023 में निर्माण में 75 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है.
मार्च की तुलना में भारी गिरावट
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल महीने के दौरान देश में 500 किलोमीटर के आस-पास ही हाईवे का कंस्ट्रक्शन हो पाया. इससे पहले पिछले वित्त वर्ष के आखिरी महीने यानी मार्च 2023 के दौरान देश में 2,250 किलोमीटर हाईवे का निर्माण हुआ था. पिछले वित्त वर्ष के आखिरी महीने के दौरान एजेंसियों ने सड़कें बनाने में पूरा जोर लगा दिया था, ताकि पिछले वित्त वर्ष के टारगेट को हासिल किया जा सके. हालांकि उसके बाद भी सरकार टारगेट से पीछे रह गई थी.
तीसरे साल भी लग सकता है झटका
चालू वित्त वर्ष की शुरुआत जिस तरह से हुई है, उससे इस बात की आशंका गहरी हो गई है कि कहीं लगातार तीसरे साल हाईवे कंस्ट्रक्शन का टारगेट हासिल न हो पाए. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने में कुल 523 किलोमीटर हाईवे का निर्माण हुआ. यह हर रोज का औसत 17.4 किलोमीटर का निकलता है, जबकि सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान हर रोज औसतन 45 किलोमीटर से ज्यादा राजमार्ग निर्माण का लक्ष्य रखा है.
साल भर पहले भी आई थी कमी
इससे पहले हाईवे के कंस्ट्रक्शन का सबसे खराब रिकॉर्ड पिछले साल अप्रैल में रहा था, जब महज 578 किलोमीटर हाईवे का निर्माण हो पाया था. हालांकि पिछले साल की गिरावट का मुख्य कारण कोरोना महामारी की तीसरी लहर थी. इस बार तो महामारी के चलते कोई व्यवधान नहीं आया है, लेकिन निर्माण के मामले में सरकार और सरकारी एजेंसियां पिछले साल की तुलना में भी पीछे रह गई है.
पिछले 9 सालों में सुधरा है हाल
हालांकि लंबी अवधि में देखें तो देश में हाईवे का कंस्ट्रक्शन तेज हुआ है. पिछले नौ साल में लगभग 50,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण हुआ है. देश में 2014-15 तक राष्ट्रीय राजमार्गां की कुल लंबाई 97,830 किलोमीटर थी, जो मार्च 2023 में बढ़कर 1,45,155 किलोमीटर हो गई. साल 2014-15 में जहां प्रतिदिन 12.1 किलोमीटर सड़क निर्माण हो रहा था, 2021-22 में देश में सड़क निर्माण की रफ्तार बढ़कर 28.6 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई.
बन चुके हैं ये रिकॉर्ड
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पिछले लगातार दो वित्त वर्ष से सड़क बनाने के लक्ष्य को पाने में असफल हो जा रहा है. इससे पहले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सबसे तेज गति से सड़कें बनाने का रिकॉर्ड कायम हुआ था. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 13,298 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण हुआ था. इसका मतलब हुआ कि इस अवधि में हर रोज 36.4 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ.
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