Adani Hindenburg Report: सही नहीं थी अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट, इस दिग्गज इन्वेस्टर ने कही बड़ी बात
Adani Group Update: हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडानी समूह पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी. यह रिपोर्ट ऐसे समय आई, जब तीन दिन बाद अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ आने वाला था.
शेयर बाजार (Share Market) के लिए यह साल शुरुआत से ही धमाकेदार खबरों से भरा साबित हो रहा है. साल के पहले महीने में अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने अडानी समूह के बारे में विवादास्पद रिपोर्ट लाकर पहला धमाका किया. उस रिपोर्ट ने अडानी समूह को भारी नुकसान पहुंचाया. हालांकि कई एनालिस्ट और एक्सपर्ट मानते हैं कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ठीक नहीं थी. अब इस कड़ी में एक और दिग्गज इन्वेस्टर का नाम जुड़ गया है.
मोबियस ने कही ये बड़ी बात
अनुभवी इन्वेस्टर व मोबियस कैपिटल के संस्थापक मार्क मोबियस (Mark Mobius) मानते हैं कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह को लेकर बढ़ा-चढ़ाकर चिंताएं जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि अडानी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी में जो रिपोर्ट जारी की, उसे पूरी तरह से सही नहीं कहा जा सकता है. मोबियस ने ये बातें एक अंग्रेजी अखबार को दिए हालिया इंटरव्यू में कही.
बढ़ा-चढ़ा कर बताई गई बातें
मोबियस ने बिजनेस टुडे से बात करते हुए कहा, मेरा मानना है कि शायद हिंडनबर्ग ने अडानी के बारे में हर चीज को बढ़ा-चढ़ा दिया. उनके पास अपने कारण थे. जब आप किसी शेयर को शॉर्ट करते हैं तो आप चाहते हैं उसके बारे में सारे खराब संकेत सामने आ जाएं. लेकिन मैं यह नहीं मानता कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पूरी तरह से सही थी और निशाने पर थी.
सबको थी पहले से जानकारी
मोबियस कैपिटल के फाउंडर ने आगे जोड़ा कि ऐसी कोई बात हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में नहीं थी, जिसकी जानकारी पहले से नहीं हो. अडानी समूह के कारोबार में अडानी परिवार की भागीदारी की बात हो या भारी-भरकम कर्ज की बात, ये सब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आने से पहले भी लोगों को मालूम थीं. हर कोई जानता था कि परिवार बिजनेस में इंवॉल्व है. इसे लेकर कोई सीक्रेट नहीं था. कुछ और चीजें, जिन्हें खुलासा समझकर सामने लाया गया, एनालिस्ट पहले से उन्हें जान रहे थे. फैक्ट बचता है कि कर्ज का स्तर बहुत ज्यादा था, और यह बात भी पहले से मालूम थी.
रिपोर्ट ने किया था ऐसा असर
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडानी समूह पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी. यह रिपोर्ट ऐसे समय आई, जब तीन दिन बाद अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का एफपीओ आने वाला था. रिपोर्ट में अडानी समूह के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. उसके बाद अगले एक महीने तक अडानी समूह के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई थी. इस रिपोर्ट के कारण गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में तीसरे स्थान से फिसलकर टॉप-30 से ही बाहर हो गए थे.
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