अडानी ग्रुप पर आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च हुई बंद, इस नाम को रखने के पीछे भी है दिलचस्प कहानी
Hindenburg Research: अडानी ग्रुप पर आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च ने जिस भी कंपनी के खिलाफ अपनी रिपोर्ट पेश की, उसे ही शेयर बाजार में नुकसान उठाना पड़ा. हालांकि अडानी समूह का पीछा इससे छूट गया है.
Hindenburg Research Shut Down: अमेरिकी निवेश एवं अनुसंधान कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च बंद हो रही है. इसके फाउंडर नैट एंडरसन ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी कहा कि जिन भी प्रोजेक्ट पर उनका काम चल रहा था उसे पूरा कर लिया गया है. हिंडनबर्ग रिसर्च को 2017 में एंडरसन ने शुरू किया था. इस अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म का काम उन कंपनियों का पर्दाफाश करना था, जिनमें संभावित रूप से कारपोरेट गड़बड़ी होने के साथ-साथ वित्तीय अनियमितताएं, धोखाधड़ी शामिल थीं.
हिंडनबर्ग ने कई कंपनियों की खोली पोल
हिंडनबर्ग रिसर्च का दावा है कि अपनी गहरी रिसर्च के जरिए वह सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली उन कंपनियों को बेनकाब करती है, जो निवेशकों को गुमराह करने के साथ-साथ शॉर्ट सेलिंग के जरिए अपना मुनाफा कमाते हैं. हिंडनबर्ग ने अब तक 20 से ज्यादा बड़ी कंपनियों के खिलाफ अपनी सनसनीखेज रिपोर्ट जारी कर चुकी है, जिनमें अडानी ग्रुप से लेकर WINS Finance, Nikola, SC Worx, Lordstown Motors जैसी कई विदेशी कंपनियां भी शामिल हैं.
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— Hindenburg Research (@HindenburgRes) January 15, 2025
इस वजह से रखा गया था हिंडनबर्ग नाम
6 मई, 1937 को अमेरिका के न्यू जर्सी में दुर्घटनाग्रस्त एयरशिप LZ 129 Hindenburg के नाम पर इस फर्म का नामकरण हुआ. 804 फीट लंबी इस एयरशिप पर सवार 97 में से 36 लोगों की दुर्घटना में मौत हो गई थी. इस जर्मन एयरशिप में हवा में ही तेज धमाके के बाद आग लग गई थी.
फर्म का कहना था कि वे जिन भी कंपनियों का खुलासा करती है, उसका विनाश भी हिंडनबर्ग एयरशिप की तरह होता है इसलिए इसका नाम भी यही रखा गया और होता भी कुछ ऐसा ही था. जिस भी कंपनी के खिलाफ हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट पेश की, उसे ही शेयर बाजार में नुकसान का सामना करना पड़ा. कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आने के साथ उनके खिलाफ जांच भी शुरू हो जाती.
अडानी ग्रुप पर लगा था यह आरोप
साल 2023 में हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर भी शेयर बाजार में फ्रॉड का आरोप लगाया था. रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर स्टॉक में हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया था. इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी. हालांकि हिंडनबर्ग रिसर्च के जिन्न से पीछा छुड़ाकर अब अडानी समूह के शेयर तेज रफ्तार से भाग रहे हैं.
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