अडानी समूह और विवादित अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के मामले में लगातार नए मोड़ आ रहे हैं. डेढ़ साल पहले शुरू हुआ यह मामला सुलट नहीं रहा है और उसमें लगातार नए चैप्टर जुड़ते जा रहे हैं. ताजा मामले में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर नया आरोप लगाया है. उसका कहना है कि स्विस बैंक के विभिन्न अकाउंट में अडानी समूह के अरबों डॉलर फ्रीज कर लिए गए हैं. हालांकि अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के नए आरोपों को भी खारिज किया है और उन्हें आधारहीन बताया है.


हिंडनबर्ग रिसर्च ने गुरुवार को फिर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अडानी समूह को लेकर अपडेट शेयर किया. उसमें आरोप लगाया गया कि स्विट्जरलैंड की अथॉरिटी ने अडानी समूह से जुड़े 310 मिलियन डॉलर से ज्यादा फंड को फ्रीज कर दिया है. उसके बाद अडानी समूह की ओर से बयान जारी किया गया. अडानी समूह ने अपने बयान में हिंडनबर्ग के ताजे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें आधारहीन आरोप करार दिया.


अडानी समूह का बयान- पारदर्शी है विदेशी होल्डिंग


अडानी समूह का कहना है कि उसकी ओवरसीज होल्डिंग का स्ट्रक्चर पूरी तरह से पारदर्शी है. उसने अपनी विदेशी संरचना का पूरा खुलासा किया हुआ है और वह अपने ऊपर लागू सभी नियमों का पालन करता है. अडानी समूह ने साथ ही ये भी कहा है कि उनके खिलाफ स्विट्जरलैंड की किसी अदालत में कोई मामला नहीं चल रहा है. समूह की किसी कंपनी का नाम ऐसे किसी अदालती दस्तावेज में नहीं आया है. न ही उनसे इस बारे में कोई सफाई मांगी गई है.


हिंडनबर्ग ने अडानी पर लगाया ये नया आरोप


उससे पहले हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के ऊपर अपने नए हमले में दावा किया था कि अडानी के खिलाफ स्विट्जरलैंड में मनी लॉन्ड्रिंग व सिक्योरिटीज के साथ फर्जीवाड़े की जांच चल रही है. हिंडनबर्ग ने अपने एक्स अपडेट में लिखा है कि उस जांच के संबंध में स्विट्जरलैंड की अथॉरिटी ने अडानी से जुड़े 310 मिलियन डॉलर से ज्यादा फंड को फ्रीज कर दिया है, जो विभिन्न स्विस बैंक अकाउंट में रखे गए थे. हिंडनबर्ग के हिसाब से जांच 2021 से चल रही है. हिंडनबर्ग ने यह आरोप स्विट्जरलैंड के मीडिया आउटलेट गॉथम सिटी के हवाले से लगाया है.


 






जनवरी 2023 से हो रहा अडानी पर हिंडनबर्ग का हमला


यह अडानी समूह के ऊपर हिंडनबर्ग का पहला हमला नहीं है. इस विवाद की शुरुआत डेढ़ साल से भी ज्यादा समय पहले जनवरी 2023 में हुई थी, जब हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह को पहली बार निशाने पर लिया था. उस समय हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के ऊपर इतिहास का सबसे बड़ा शेयर बाजार फ्रॉड करने का आरोप लगाया था. उसके आरोपों में शेयरों के भाव को गलत तरीके से चढ़ाना और शेल कंपनियों के जाल का इस्तेमाल कर पैसों का हेर-फेर करना शामिल था.


एक महीने पहले हिंडनबर्ग ने लगाया था ये आरोप


अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के उन आरोपों का भी खंडन किया था. हालांकि उस समय अडानी समूह को भारी नुकसान उठाना पड़ गया था. समूह की कई कंपनियों का बाजार पूंजीकरण आधे से भी कम हो गया था. अभी एक महीने पहले भी हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर हमला किया था. उसमें हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ चल रही सेबी की जांच पर ही सवाल उठा दिया था और दावा किया था कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच का अडानी समूह के साथ फाइनेंशियल रिलेशन है. उस आरोप का सेबी चेयरपर्सन और उनके पति ने संयुक्त बयान जारी कर खंडन किया था. अडानी समूह ने भी बयान जारी कर सेबी प्रमुख के साथ किसी तरह का फाइनेंशियल रिलेशन होने से इनकार किया था.


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