Hindenburg Research Report: हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर अडानी का रिएक्शन- सेबी चीफ के साथ नहीं है कोई कमर्शियल कनेक्शन
Hindenburg Research: हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक दिन पहले जारी अपनी नई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और अडानी ग्रुप के आपस में फाइनेंशियल कनेक्शन हैं...
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अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद से हंगामा मचा हुआ है. अब अडानी समूह ने शनिवार देर शाम आई रिपोर्ट अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए रविवार को कहा कि सेबी चीफ माधबी पुरी बुच के साथ उसका कोई कमर्शियल कनेक्शन नहीं है, जिसका दावा हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में किया गया है.
रिपोर्ट में बताए गए व्यक्तियों के साथ नहीं है संबंध
अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट का एक दिन बाद खंडन करते हुए कहा कि रिपोर्ट में जिन व्यक्तियों का या जिन मामलों का जिक्र किया गया है, उनसे कमर्शियली अडानी समूह का कोई लेना-देना नहीं है. हिंडनबर्ग रिसर्च के द्वारा शनिवार को देर शाम में जारी की गई सनसनीखेज रिपोर्ट पर अडानी समूह की यह पहली प्रतिक्रिया है. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कुछ विदेशी फंड में विनोद अडानी व उनके करीबी सहयोगियों और सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच दोनों ने निवेश किया था.
पारदर्शी है विदेशी होल्डिंग का स्ट्रक्चर
समूह ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को भी खारिज कर दिया. अडानी समूह ने कहा कि उसकी कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को वह खारिज करता है और फिर से अपनी बात को दोहराता है कि उसकी विदेशी होल्डिंग का स्ट्रक्चर पूरी तरह से पारदर्शी है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह को लेकर कहा गया है कि उसने कंपनियों का जाल बुनकर फंड को इधर से उधर किया.
पिछले साल जनवरी में शुरू हुआ था मामला
अडानी समूह और हिंडनबर्ग रिसर्च का मामला कोई नया नहीं है. यह आज से लगभग डेढ़ साल पहले पिछले साल जनवरी में उस समय शुरू हुआ था, जब हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ अपनी पहली सनसनीखेज रिपोर्ट जारी की थी. उसमें हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के ऊपर शेयरों के भाव चढ़ाने समेत फंड के हेर-फेर जैसे गंभीर आरोप लगाया था. साथ ही हिंडनबर्ग ने उसे कॉरपोरेट वर्ल्ड के इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड करार दिया था. हिंडनबर्ग की उस रिपोर्ट से अडानी समूह को भारी नुकसान उठाना पड़ा था और उसकी कंपनियों के एमकैप में 80 बिलियन डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई थी.
हिंडनबर्ग को मिला था कारण बताओ नोटिस
बाद में बाजार नियामक सेबी ने अडानी समूह के ऊपर हिंडनबर्ग के द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच शुरू की थी. सेबी के द्वारा चल रही जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त एक समिति के द्वारा की गई. सेबी की जांच में अभी तक हिंडनबर्ग के आरोप साबित करने के पुख्ता प्रमाण नहीं मिले थे. बाजार नियामक ने संबंधित मामले की जांच के तहत अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म को हाल ही में कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था.
सेबी प्रमुख ने आरोपों को किया है खारिज
अब पूरे मामले ने अलग रंग पकड़ लिया है. हिंडनबर्ग का नया आरोप है कि अडानी समूह के साथ सेबी प्रमुख के कथित कनेक्शन के चलते जांच सही से नहीं हो पाई है और सेबी को अडानी समूह के खिलाफ कुछ नहीं मिल पा रहा है. अडानी समूह से पहले सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच भी आज सुबह संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर चुके हैं. उन्होंने हिंडनबर्ग के आरोपों को चरित्रहत्या करने का प्रयास बताया है.
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