Hindenburg Research Report: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर विशेषज्ञों की राय- कीचड़ उछालने का प्रयास, आरोपों में नहीं है दम
Hindenburg Research: हिंडनबर्ग रिसर्च की कल आई रिपोर्ट को ज्यादातर एक्सपर्ट बेबुनियाद और सनसनी फैलाने का प्रयास मान रहे हैं. आइए जानते हैं हिंडनर्ग की रिपोर्ट पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ...
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट सामने आ चुकी है और उसके बाद आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला शुरू हो चुका है. सेबी चीफ और अडानी समूह दोनों की ओर से रिपोर्ट पर प्रतिक्रियाएं आ चुकी हैं. इस बीच बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि हिंडनबर्ग के द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें दम नहीं है. वे सिर्फ कीचड़ उछालने का प्रयास भर हैं.
कोटक एएमसी के नीलेश शाह की राय
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक नीलेश शाह एक व्हाट्सऐप ग्रुप में हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं- पुराने जमाने में जब ऋषि-मुनि यज्ञ करते थे, उस समय दानव यज्ञ को अपवित्र करने के लिए सामने आते थे. हिंडनबर्ग उसका परफेक्ट उदाहरण है. सिर्फ इस उम्मीद में कीचड़ उछाला जा रहा है कि उससे सामने वाला गंदा हो जाएगा. शुक्र है कि अब सोशल मीडिया है. अब ऐसे नैरेटिव को तुरंत पकड़ लिया जाता है.
कोटक महिंद्रा बैंक का भी आ चुका है नाम
अडानी समूह और हिंडनबर्ग रिसर्च के बीच पिछले साल जनवरी में शुरू हुए मामले में कोटक महिंद्रा बैंक का नाम भी सामने आ चुका है. शनिवार 10 अगस्त को नया खुलासा करने से पहले हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले महीने विवाद में कोटक महिंद्रा बैंक का नाम घसीटा था और सेबी पर आरोप लगाया था कि उसके द्वारा बैंक को बचाया जा रहा है. सेबी के कारण बताओ नोटिस का जवाब देते हुए हिंडनबर्ग ने कहा था कि कोटक बैंक की सब्सिडियरी भी अडानी के शेयरों को शॉर्ट करने में शामिल थी.
सेबी प्रमुख और अडानी समूह ने किया खारिज
हिंडनबर्ग ने ताजे मामले में बाजार नियामक सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के ऊपर अडानी समूह के साथ वित्तीय संबंध का आरोप लगाया है. हालांकि दोनों पति-पत्नी संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों का खंडन कर चुके हैं. अडानी समूह ने भी शेयर बाजारों को अपनी प्रतिक्रिया भेजते हुए कहा है कि सेबी चीफ के साथ उसका कोई कमर्शियल रिलेशन नहीं है.
वास्तव में हिट जॉब है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट: पूर्व सीईए
इस बीच भारत के पूर्व आर्थिक सलाहकार (2018-21) केवी सुब्रमण्यम भी इस मामले में उतर पड़े हैं. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर बताया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट वास्तव में एक हिट जॉब है. वह कहते हैं- मैं सेबी चेयरपर्सन माधबी को व्यक्तिगत रूप से लगभग दो दशक से जान रहा हूं. उनकी जगजाहिर ईमानदारी और बौद्धिक क्षमता को देखते हुए मुझे पूरा यकीन है कि वह हिंडनबर्ग के इस हमले (हिट जॉब) को तितर-बितर कर देंगी.
I've personally known SEBI Chairperson Madhabi for about two decades. Given her unimpeachable integrity and her intellectual prowess, I'm sure she will shred to smithereens this Hindenberg hit job.
— Prof. Krishnamurthy V Subramanian (@SubramanianKri) August 11, 2024
In this wonderful thread by @BhagwaanUvacha on the report, the bottom line is in… https://t.co/yYuOkRLZuX
हिंडनबर्ग की पुरानी रिपोर्ट को भी कर चुके हैं खारिज
उन्होंने ऑफिस ऑफ भगवान उवाच नाम के एक हैंडल का थ्रेड भी शेयर किया है. पूर्व आर्थिक सलाहकार का कहना है- यूजर का थ्रेड अच्छे से समझाता है कि कैसे हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट में बौद्धिक बातों का अभाव है और पूरी रिपोर्ट एक हिट जॉब भर है. केवी सुब्रमण्यम अडानी समूह के ऊपर डेढ़ साल पहले हिंडनबर्ग के द्वारा किए गए हमले को भी खारिज कर चुके हैं. उन्होंने उस समय भी हिंडनबर्ग के प्रयासों को हिट जॉब बताया था.
अडानी बहाना, भारतीय अर्थव्यवस्था है असली निशाना- राणा
इसी तरह वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशवनी राणा एक बयान में कहते हैं कि हिंडनबर्ग भारतीय अर्थव्यवस्था को निशाना बना रहा है और उसे तबाह करने के लिए बार-बार सनसनी बना रहा है. बकौल राणा अडानी समूह सिर्फ बहाना है, हिंडनबर्ग का असली निशाना भारतीय अर्थव्यवस्था है, भारतीय शेयर बाजार है. उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट वास्तव में देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती है. सरकार को ऐसे प्रयासों के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है.
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