Hindenburg Research Report: घबराएं नहीं निवेशक, सेबी ने कहा- हिंडनबर्ग रिपोर्ट के भ्रम में न फंसे
SEBI: सेबी ने कहा कि चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कनफ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट से जुड़े सभी नियमों का पालन किया है. उन्होंने सभी जरूरी जानकारियां सेबी को मुहैया कराई हैं.
SEBI: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए निवेशकों को सलाह दी है कि वह बिलकुल भी न घबराएं. उन्हें हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) के भ्रम में आने की जरूरत नहीं है. सेबी ने सोमवार को मार्केट खुलने से पहले जारी अपने बयान में रविवार को कहा कि चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) समय-समय पर सभी जरूरी जानकारियां देती रही हैं. उन्होंने चेयरपर्सन बनने से पहले ही संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था.
अडानी ग्रुप के खिलाफ 23 जांच हुईं पूरी, कुछ नहीं मिला
सेबी ने कहा कि हमने पिछले साल अडानी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद 24 में से 23 जांच पूरी कर ली हैं. इनमें पिछली बार की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए हैं. अब ब्लैकस्टोन को लेकर लगाए जा रहे आरोप भी गलत हैं. सेबी ने निवेशकों से कहा कि उन्हें ऐसी रिपोर्टों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्हें हिंडनबर्ग रिपोर्ट के डिस्क्लेमर को भी पढ़ना चाहिए. सेबी ने कनफ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट से जुड़े मसलों पर पूरा ढांचा तैयार किया हुआ है. इसमें सिक्योरिटीज की होल्डिंग और ट्रंसफर की जानकारी देनी होती है. सेबी चीफ ने इन सभी नियमों का पालन किया है.
खंगाले गए थे 12 हजार पेजों के 300 से ज्यादा दस्तावेज
सेबी ने पिछली रिपोर्ट के बाद शुरू की गई जांचों के बारे में बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में स्थिति साफ कर दी थी. सिर्फ एक जांच अभी भी जारी है, जो जल्द ही पूरी हो जाएगी. हमने 100 से ज्यादा समन जारी किए थे. साथ ही 1,100 पत्र और ईमेल भी भेजे थे. इसके अलावा 100 बार से ज्यादा घरेलू और विदेशी रेगुलेटर एवं एजेंसियों से इस मसले पर मदद मांगी थी. साथ ही पिछली बार के आरोपों की जांच के लिए 12 हजार पेजों के 300 से ज्यादा दस्तावेज खंगाले गए थे.
REIT नियमों को सलाह के बाद सेबी बोर्ड ने दी थी मंजूरी
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि आरईआईटी (REIT) नियमों में बदलाव ब्लैकस्टोन को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए थे. माधबी पुरी बुच के पति धवल बुच (Dhaval Buch) एडवाइजर के पद पर काम करते हैं. इस पर सेबी ने कहा कि सेबी बोर्ड ने लोगों की राय के आधार पर इन नियमों में बदलाव किया था. सेबी ने कहा कि हमने एक पारदर्शी ढांचा बनाया है. यह किसी एक को फायदा पहुंचाने के लिए नहीं है. सेबी का उद्देश्य निवेशकों का फायदा पहुंचाना है.
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