Hindenburg Research on SEBI: हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के ताजा मामले में शॉर्ट सेलर फर्म ने कहा है कि हमारी लेटेस्ट रिपोर्ट में लगाए गये आरोपों को सेबी प्रमुख ने कुछ हद तक स्वीकारा है. हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने शनिवार रात सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच के ऊपर सनसनीखेज खुलासे का दावा करते हुए आरोप लगाया कि उनका और उनके पति का अडानी के स्कैंडल से कनेक्शन है. रिपोर्ट में सीधा लिखा गया है कि सेबी ने इसीलिए अडानी समूह की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने की मंशा नही जाहिर की क्योंकि सेबी चीफ का निवेश अडानी संबंधित एंटिटीज में था.
हिंडनबर्ग का 11 अगस्त की रात का लेटेस्ट एक्स पोस्ट
हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया पोस्ट के साथ सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच का स्टेटमेंट लगाते हुए कहा है कि..
"सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने 10 अगस्त 2024 को हिंडनबर्ग द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में एक बयान जारी किया. इसके मुताबिक हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जिस फंड के बारे में कहा है उसमें साल 2015 में निवेश किया गया था जब वे दोनों सिंगापुर में रहने वाले निजी नागरिक थे. ये माधबी के सेबी में शामिल होने, यहां तक कि पूर्णकालिक सदस्य के रूप में भी आने से लगभग 2 साल पहले का निवेश है.
इस फंड में निवेश करने का फैसला इसलिए लिया गया था क्योंकि चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर अनिल आहूजा, धवल के स्कूल और आईआईटी दिल्ली के बचपन के दोस्त हैं. साथ ही सिटीबैंक, जेपी मॉर्गन और 3आई ग्रुप पीएलसी के पूर्व कर्मचारी होने के नाते, उनका कई दशकों का मजबूत निवेश करियर है जिसकी अनिल आहूजा ने पुष्टि भी की है. किसी भी समय फंड ने किसी भी अडानी समूह की कंपनी के बांड, इक्विटी या डेरिवेटिव में निवेश नहीं किया..."
क्या है पूरा मामला- शुरू से जानें
शनिवार सुबह हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा- Something Big Soon India... ये चार शब्द एक्स पर पोस्ट किए और इसी के साथ भारतीय वित्तीय संसार में खलबली मचाने की कोशिश में वो सफल रहे. सोशल मीडिया से लेकर फाइनेंशियल मार्केट में चर्चा का बाजार गरम हो गया कि हिंडनबर्ग का अगला शिकार कौन होगा क्योंकि डेढ़ साल पहले जनवरी 2023 में अडानी समूह पर अपनी रिपोर्ट निकालकर हिंडनबर्ग ने घरेलू शेयर बाजार में भूचाल ला दिया था और इसके बाद कई महीनों तक अडानी समूह के शेयर गिरते रहे.
24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग ने गौतम अडानी पर किया था वार
डेढ़ साल पहले हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ जो रिपोर्ट निकाली थी उसका नतीजा सबको पता है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के चलते अडानी समूह के शेयरों में 83 फीसदी तक की गिरावट आई थी और ग्रुप मार्केट कैप 80 बिलियन डॉलर से ज्यादा घट गया था. शेयर बाजार नियामक सेबी ने ने जांच के बाद अडानी समूह को आरोपमुक्त माना और सुप्रीम कोर्ट में भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पूरी तरह सही नहीं माना गया था.
ये भी पढ़ें