(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
SEBI Update: कांटों से भरा है सेबी चीफ का ताज, तीन पूर्व सेबी चेयरमैन का कार्यकाल भी रहा विवादों में
Hindenburg Research: हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद सेबी चीफ माधबी पुरी बुच का कार्यकाल विवादों में फंस गया है. हालांकि उनके पहले भी कई सेबी चीफ रहे हैं जिनका कार्यकाल विवादों में घिरा रहा है.
SEBI Update: शार्ट सेलर (Short Seller) हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सेबी (Securities Exchange Borad Of India) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर आरोपों की झड़ी लगा दी. शार्ट सेलर ने अपने आरोपों में कहा, व्हीसलब्लोअर डॉक्यूमेंट के मुताबिक माधबी पुरी बुच और उनके पति का ऑबसक्योर ऑफशोर फंड्स (Obscure Offshore Funds) में हिस्सेदारी है जिसका अडानी समूह के पैसे के हेराफेरी में (Adani Money Siphoning Scandal) इस्तेमाल किया गया है. हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज करते हुए सेबी चेयरपर्सन ने शार्ट सेलर पर चरित्र हनन (Character Assasination) का आरोप लगाते हुए सफाई जारी की और कहा कि हिंडनबर्ग को कई प्रकार के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किया है. ये बेहद दुखद है कि इन नोटिस का जवाब देने की जगह हिंडनबर्ग सेबी की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर रहा है.
कई सेबी चीफ का रहा है विवादों से नाता
बतौर सेबी चेयपर्सन माधबी पुरी बुच के तीन सालों का कार्यकाल 28 फरवरी 2025 को खत्म होगा. कांग्रेस पार्टी समेत कई विपक्ष दल बुच को पद से हटाने की मांग कर रही हैं. पर ये पहला मौका नहीं है जब कोई सेबी चीफ विवादों में फंसा हो. माधबी पुरी बुच से पहले सेबी के तीन ऐसे चेयरमैन रहे हैं जिनका कार्यकाल में विवाद खड़े हुए हैं.
हितों के टकराव के चलते C B Bhave पर उठे सवाल
पूर्व सेबी चेयरमैन सी बी भावे ( C B Bhave) का नाम विवादों में रहा रहा है. 19 फरवरी 2008 से लेकर 17 फरवरी 2011 तक सी बी भावे सेबी के चेयरमैन पद रहे थे. सेबी चेयरमैन बनने से पहले वे नेशनल डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के भी चेयरमैन थे जो 2003 से लेकर 2005 के बीच घटिया और फेक आईपीओ आवेदनों पर निगरानी रखने में नाकाम रहने के चलते चर्चा में आया था. सी बी भावे जब एनएसडीएल से सेबी आए तो हितों के टकराव को लेकर सवाल उठे थे. सेबी चैयरमैन रहते हुए सी बी भावे में खुद को एनएसडीएल मामले से अलग कर लिया था. सी बी भावे को एक्सटेंशन देने के दौरान फिर से ये मामला उठा जिसके बाद उनके 3 साल के कार्यकाल के बाद एक्सटेंशन नहीं दिया गया.
यू के सिन्हा की नियुक्ति को दी गई चुनौती
आईएएस यू के सिन्हा (U K Sinha) सबसे लंबे समय तक सेबी के चैयरमैन पद पर रहे. 18 फरवरी 2011 से लेकर 1 मार्च 2017 तक यू के सिन्हा सेबी के चेयरमैन रहे. उनके चेयरमैन बनते ही सेबी के पूर्णकालिक सदस्य सीएम अब्राहम ने तात्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर आरोप लगाया था तब के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और उनकी सलाहकार ओमिता पॉल हाई-प्रोफाइल कॉरपोरेट्स के खिलाफ नरमी वाला रूख अपनाने के लिए दबाव बना रहे हैं. यू के सिन्हा की नियुक्ति को चुनौती देते हुए कई जनहित याचिका भी दायर की गई जिसमें से कई को खारिज कर दिया गया था.
NSE को-लोकेशन के मामले में सेबी की आलोचना
यू के सिन्हा के पद पर से हटने के बाद 1 मार्त 2017 को अजय त्यागी (Ajay Tyagi) सेबी के चेयरमैन बने. हालांकि उनके पांच सालों के कार्यकाल के खत्म होने से पहले ही सेबी 2010 और 2015 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में उल्लंघन के मामले की हैंडलिंग को लेकर गहन जांच के दायरे में आ गया. सेबी ने एक आदेश जारी किया जिसमें ये खुलासा हुआ कि तात्कालीन एनएसई चीफ चित्रा रामकृष्णा किसी रहस्यमयी योगी से आर्डर लिया करती थीं जो हिमालय में रह कर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को चला रहा था.
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