Hinduja Mutual Fund: तेज हुआ घमासान, अंबानी के बाद म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में अब हिंदुजा की एंट्री
Invesco AMC: इस सौदे से भारतीय एसेट मैनेजमेंट इंडस्ट्री में कंपटीशन तेज हो गया है. इससे पहले रिलायंस ने ब्लैकरॉक के साथ मिलकर इस सेगमेंट में उतरने का ऐलान किया था...
विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले कारोबारी समूह हिंदुजा ग्रुप ने अब म्यूचुअल फंड सेगमेंट में एंट्री की तैयारी कर ली है. समूह की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड यानी आईआईएचएल ने इसके लिए इन्वेस्को एसेट मैनेजमेंट इंडिया (आईएएमआई) में 60 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने का सौदा किया है.
मार्च तिमाही में इन्वेस्को का एयूएम
इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स ने इस अधिग्रहण की जानकारी एक दिन पहले मंगलवार को दी. कंपनी इस सौदे के बाद इन्वेस्को एसेट मैनेजमेंट इंडिया में मेजॉरिटी स्टेकहोल्डर बन जाएगी. इन्वेस्को एसेट मैनेजमेंट इंडिया अमेरिकी कंपनी इन्वेस्को की भारतीय इकाई है, जो घरेलू बाजार में संपत्ति के प्रबंधन की विभिन्न सेवाएं प्रदान करती है. उसकी इन्वेस्को म्यूचुअल फंड देश के सबसे बड़े फंड हाउस में एक है. मार्च तिमाही के दौरान कंपनी 74,300 करोड़ रुपये के औसत एयूएम के साथ 17वें नंबर पर रही है.
इस तरह से बनेगी जॉइंट वेंचर
सौदे के बाद एक नई जॉइंट वेंचर सामने आएगी, जो भारतीय बाजार में एसेट मैनेजमेंट बिजनेस करेगी. जॉइंट वेंचर में हिंदुजा समूह के पास इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स के जरिए 60 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी, जबकि बाकी की 40 फीसदी हिस्सेदारी इन्वेस्को के पास होगी. दोनों कंपनियां फंड हाउस के लिए स्पॉन्सर बनेंगी. इस सौदे को नियामकीय मंजूरियों के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा.
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में तेज घमासान
हिंदुजा समूह की इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स पहले से बैंकिंग व फाइनेंस सेक्टर में मजबूती से उपस्थित है. यह कंपनी इंडसइंड बैंक की प्रमोटर है, जो भारत का पांचवां सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है. इस सौदे से म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में घमासान तेज होने वाला है. हाल ही में देश के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी ने भी इस सेगमेंट में एंट्री ली है. अंबानी की जियो फाइनेंशियल ने ब्लैकरॉक के साथ मिलकर एसेट मैनेजमेंट बिजनेस में कदम रखा है.
भारत में इन्वेस्को की ऐसे हुई थी एंट्री
अमेरिकी कंपनी इन्वेस्को ने भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में 2012 में कदम रखा था, जब उसने रेलिगेयर एसेट मैनेजमेंट कंपनी के साथ सौदा किया था. शुरुआत में इन्वेस्को ने रेलिगेयर में 460 करोड़ रुपये में 49 फीसदी शेयर का अधिग्रहण किया था. 4 साल बाद उसने बाकी की 51 फीसदी हिस्सेदारी भी खरीद ली थी. अभी भारतीय म्यूचुअल फंड बाजार में इन्वेस्को 5वीं सबसे बड़ी एसेट मैनेजर है. इन्वेस्को लंबे समय से भारत में एक ऐसा लोकल पार्टनर खोज रही थी, जिसके पास मजबूत वितरण नेटवर्क हो.
ये भी पढ़ें: आरबीआई के एक्शन का असर, यूपीआई में कम हुआ पेटीएम का शेयर, इन्हें हो रहा है फायदा