कोविड-19 संक्रमण की वजह से रिक्रूटमेंट में आई रुकावट छह महीने में खत्म हो सकती है. जनवरी महीने से इंडस्ट्री के लगभग हर सेक्टर में पूरी तेजी से नियुक्तियां शुरू हो सकती हैं. इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक करियर कन्सलटिंग फर्म करियरनेट ने कहा है कि कुछ कंपनियों ने चुनिंदा नियुक्तियां शुरू की हैं लेकिन पूरी तरह से रिक्रूटमेंट जनवरी से शुरू हो जाएंगीं. जिन कंपनियों ने अपनी नियुक्तियां रोकी हैं वे भी धीरे-धीरे रिक्रूटमेंट शुरू कर रही हैं. इनमें से 43 फीसदी कंपनियों ने कहा है कि वे अगले छह महीने में नियुक्तियों के मामले में पूरी तरह सक्रिय हो जाएंगीं.कंपनियों का कहना है कि पूरी तरह से नियुक्तियां अगले साल अप्रैल तक शुरू हो जाएगी. नियुक्तियों का 15-16 महीने का चक्र होता है. अगले साल अप्रैल तक नियुक्तियां प्री कोविड लेवल के बराबर पहुंच जाएगी. हालांकि इनका लोअर बेस बना रहेगा क्योंकि कंपनियों ने बड़ी संख्या में छंटनी की है.


कैंपस रिक्रूटमेंट में काफी कमी 


करियरनेट की मुताबिक कैंपस रिक्रूटमेंट पर काफी असर पड़ सकता है. इस साल कम से कम 27 फीसदी कंपनियां प्लेसमेंट के लिए कॉलेज कैंपस नहीं जाएंगीं. अतिरिक्त 39 फीसदी कंपनियां इस बारे में निश्चित नहीं हैं कि वे भर्तियों के लिए कॉलेज कैंपस जाएंगीं या नहीं. करियरनेट की स्टडी के मुताबिक यह भी सुनिश्चित नहीं है कि कर्मचारियों की संख्या प्री-कोविड लेवल पर पहुंचेंगी या नहीं.


इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ज्यादातर कंपनियां खुल कर नियुक्तियां नहीं कर रही हैं. इस मामले में वे सतर्कता बरत रही हैं. कई ऑफशोर कपनियों के लिए इस तरह की स्लोडाउन कोई नई बात नहीं है लेकिन स्टार्ट-अप कंपनियों के लिए यह नई चीज है. आईटी कंपनियां 'इंतजार करो और देखो' की नीति पर चल रही हैं जबकि स्टार्ट-अप कंपनियों में इसे लेकर ज्यादा प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कुछ आईटी कंपनियोंं ने कहा है कि वे हायरिंग के मामले में 'धीमे चलो' की नीति अपनाएंगीं. हालांकि स्टार्ट-अप्स नियुक्तियों के लेकर फिलहाल कोई उत्साह नहीं दिखा रही हैं.