(तरुण माथुर)


भारत ने हाल ही में प्रकृति का सबसे क्रूर रूप देखा है. हिमाचल प्रदेश में अप्रत्याशित बारिश से लेकर असम में विनाशकारी बाढ़ तक, इन सभी प्राकृतिक आपदाओं ने हमें अंदर तक झकझोर कर रख दिया. हिमाचल प्रदेश में अचानक आई बाढ़ ने 300 से अधिक लोगों की जान ले ली, जबकि कई लोगों ने अपने घर खो दिए. इसी तरह, असम में आई बाढ़ की वजह से भी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. 10 लाख से भी ज्यादा लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए है.


इन आपदाओं में किसी का घर पानी में डूब गया तो कइयों के घर ही बाढ़ में बह गए. इन आपदाओं से सिर्फ घर को ही नुकसान नहीं हुआ, बल्कि घर के मालिक के सामने वित्तीय संकट भी पैदा हो गया. घर सिर्फ सिर पर छत नहीं है, बल्कि एक बड़ी वित्तीय सुरक्षा है और जबरदस्त एसेट है. यही कारण है कि घर से लोगों का भावनात्मक जुड़ाव होता है और इसी कारण घर की सुरक्षा अहम हो जाती है.


अप्रत्याशित परिस्थितियों और बढ़ती अनिश्चितताओं को देखते हुए होम इंश्योरेंस जरूरी हो जाता है. होम इंश्योरेंस आपके घर का वह सुरक्षा कवच है, जो आपके घर को बाढ़, भूकंप या आग जैसी सभी प्राकृतिक घटनाओं की वजह से होने वाले नुकसान के लिए सम्पूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है. साथ ही घर के पुनर्निर्माण, मरम्मत जैसे काम में वित्तीय सहायता भी मिल जाती है.


क्या-क्या कवर करता है होम इंश्योरेंस


होम इंश्योरेंस आम तौर पर दीवारों, छतों और फर्श सहित आपके घर की संरचना को हुए नुकसान को कवर करता है. अगर आपके व्यक्तिगत सामान जैसे फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स और उपकरणों को नुकसान होता है, तो इंश्योरेंस आपको उचित सहायता प्रदान करता है. यहां तक कि अगर आपको नुकसान के कारण घर से बाहर कहीं किराये पर रहना पड़ता है तो इंश्योरेंस उसे भी कवर करता है. होम इंश्योरेंस आपके घर और मन की शांति दोनों के लिए एक सिक्योरिटी लेयर की तरह है.


इन बातों का भी जरूर रखें ध्यान


हालांकि, यह ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है कि हर चीज इंश्योरेंस के दायरे में नहीं आती है. खराब रखरखाव या लापरवाही के कारण होने वाले नुकसान को हेल्थ इंश्योरेंस में कवर नहीं किया जाता है. इसके अलावा, आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसी कुछ महंगी वस्तुओं के लिए अतिरिक्त कवरेज की आवश्यकता हो सकती है, जिन्हें राइडर्स कहा जाता है. स्टैंडर्ड पॉलिसी बाढ़ आदि से होने वाले नुकसान को कवर करे, यह जरूरी नहीं है. इसलिए ऐसी पॉलिसी को खरीदना चाहिए जो ऐसी सभी घटनाओं को कवर करे.


कितना कवरेज है आवश्यक


पॉलिसी खरीदते समय सबसे अधिक ध्यान देने वाली बात है कि आपको कितनी कवरेज राशि वाली पॉलिसी लेनी चाहिए. कवरेज की राशि का चुनाव आपका घर कितना बड़ा या छोटा है, इस बात पर निर्भर करता है.


इस तरह की पॉलिसी फायदेमंद


जब इंश्योरेंस पॉलिसी की बात आती है तो यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं: स्टैंडर्ड फायर एंड स्पेशल पेरिल्स पॉलिसी और कॉमप्रिहेंसिव होम इंश्योरेंस पॉलिसी. स्टैंडर्ड फायर एंड स्पेशल पेरिल्स पॉलिसी में सूचीबद्ध विशिष्ट आपदाओं को कवर करते हैं, जैसे आग या बिजली. इस पॉलिसी में केवल उन घटनाओं को कवर किया जाता है जो इसमें लिखी गई है. एक कॉम्प्रिहेंसिव होम इंश्योरेंस पॉलिसी को चुनना हमेशा बेहतर होता है, क्योंकि यह सभी प्रकार के जोखिमों जैसे की बाढ़, तूफान, भूकंप या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को कवर करती है.


(लेखक पॉलिसीबाजार में जनरल इंश्‍योरेंस के चीफ बिजनेस ऑफिसर हैं. प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.)


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