प्राकृतिक आपदाओं से बड़ा नुकसान हो जाता है. चक्रवात, तूफान, बाढ़ आदि से मकानों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचता है. ऐसे में होम इंश्योरेंस आपको नुकसान की भरपाई करने में मदद करता है.होम इंश्योरेंस पॉलिसी कई तरह की होती हैं. ये पॉलिसी मकान मालिकों, किरायेदारों और हाउसिंग सोसाइटियों के लिए होती हैं. तीनों के लिए अलग-अलग तरह की होम इंश्योरेंस पॉलिसी होती हैं.


होम इंश्योरेंस पॉलिसी बाढ़, भूकंप, तूफान और दंगों जैसे हादसों से मकान को हुए नुकसान की भरपाई करती है. ये पॉलिसी अमूमन तीन- चार तरह की होती हैं. ये हैं- इनडेम्निटी प्लान, री-इंस्टेटमेंट प्लान, न्यू फॉर ओल्ड प्लान और एग्रिड वैल्यू प्लान.


इनडेम्निटी प्लान- इस प्लान के तहत जिस प्रॉपर्टी का बीमा होता है, उसके नुकसान या क्षतिग्रस्त होने पर भरपाई की जाती है. हालांकि नुकसान की भरपाई के वक्त संपत्ति की कीमत में ह्रास को भी जोड़ा जाता है.


री-इंस्टेटमेंट प्लान- इसमें पॉलिसी होल्डर को क्षतिग्रस्त हो चुकी प्रॉपर्टी और सामान के जैसी ही प्रॉपर्टी और सामान मिल जाता है. लेकिन दी जाने वाली चीजों की कीमत क्षतिग्रस्त सामान के बराबर ही होगी, उससे ज्यादा नहीं


न्यू फॉर ओल्ड प्लान – जैसा कि नाम से जाहिर है, बीमा कंपनी आपको पुरानी चीजों के बदले नए की कीमत देगी. ऐसी चीजों का क्लेम मिलता है, जिसकी मरम्मत नहीं हो सकती.


एग्रिड वैल्यू प्लान- इसमें प्रॉपर्टी या इसमें मौजूद चीजें नष्ट होने पर इसकी वैल्यू के हिसाब से क्षतिपूर्ति की जाती है. लेकिन यह बीमा कराने वाले और बीमा कंपनियों के बीच बीमा खरीदते समय हुए समझौते के आधार पर तय होती है.


होम इंश्योंरेंस के तहत पॉलिसी होल्डर के घर या इसमें मौजूद चीजों को प्राकृतिक आपदा, आग, दंगे, चोरी, सेंधमारी से हुए नुकसान को कवर किया जाता है. चांदी, सोना, अन्य जवाहरात, महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स गजट के नुकसान या चोरी को कवर किया जाता है. कुछ पॉलिसी में गहने और दूसरे महंगे सामान भी कवर होते हैं, युद्ध्, दुश्मनी, गृह युद्ध, सैन्य विद्रोह या न्यूक्लियर अटैक से हुए नुकसान को होम इंश्योरेंस कवर नहीं करता है.