Home Loan: लगातार रेपो रेट में इजाफे के बाद क्या होम लोन को Prepay करना है बेहतर ऑप्शन? यहां समझें
Home Loan: कल रिजर्व बैंक ने लगाता छठी बार अपने रेपो रेट में इाजाफा किया है. इस बढ़ोतरी के बाद अब यह 6.50 फीसदी तक पहुंच गया है. ऐसे में इस बढ़त के बाद होम लोन लेने वालों पर ईएमआई का बोझ बढ़ गया है.
Home Loan Prepayment Tips: देश में महंगाई को कंट्रोल (Inflation in India) करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया लगातार बड़े प्रयास कर रहा है. कल रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने एक बार फिर देश में महंगाई पर लगाम लगाने के लिए अपने रेपो रेट (RBI Repo Rate) में में 25 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा किया है. इस बढ़ोतरी के बाद अब रेपो रेट (RBI Repo Rate) बढ़कर 6.50 फीसदी तक पहुंच चुका है. ध्यान देने वाली बात ये है कि पिछले साल मई से अब तक रेपो रेट में कुल 6 बार इजाफा किया गया है और यह 2.50 फीसदी तक बढ़ चुका है. इस बढ़त के कारण आम जनता पर होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan), एजुकेशन लोन (Education Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) आदि की ईएमआई का बोझ बढ़ रहा है.
होम लोन बॉरोअर्स की बढ़ रही परेशानी
मनी कंट्रोल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक Andromeda Sales and Apnapaisa.com के चेयरमैन वी स्वामीनाथन ने होम लोन पर बढ़ रही ईएमआई बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस ताजा बढ़त के बाद अब लोगों की ईएमआई (Home Loan EMI) में 2 से 4 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गई है. वहीं 20 साल के 70 लाख रुपये के होम लोन पर इस 2.50 फीसदी की बढ़त का असर 20 फीसदी तक दिखेगा. लोगों की ईएमआई 10,978 रुपये से लेकर 65,249 रुपये तक बढ़ेगी. ऐसे में यह निश्चित है तो कि लोगों के घर के बजट पर इसका असर पड़ेगा. ऐसे में अपने मंथली बजट को सही रखने के लिए लोग होम लोन के प्री पेमेंट ऑप्शन को चुनकर अपने लोन को जल्द से जल्द चुका सकते हैं. दरअसल, रेपो रेट बढ़ने पर होम लोन की ईएमआई पर इसका सीधा असर देखा जाता है. ऐसे में लोग या तो लोन की अवधि बढ़ा लेते हैं या लोन का प्री पेमेंट कर देते हैं.
क्या होम लोन का प्री पेमेंट है बेहतर ऑप्शन?
जब समय से पहले कोई बॉरोअर आंशिक या पूरी तरीके से होम लोन को वापस कर देता है तो उसे प्री पेमेंट कहा जाता है. इसके जरिए आप अपने लोन की अवधि और ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं. मगर ऐसा करने के लिए आपके पास लिक्विडिटी की कमी नहीं होनी चाहिए. अक्सर लोन ईएमआई का बोझ बढ़ने पर अपने होम लोन को आगे बढ़ा लेते हैं. फिलहाल 15 साल के होम लोन पर आपको 1,000 रुपये पर 145 रुपये अधिक देना होगा. वहीं अगर आप लोन की सीमा को बढ़ाते हैं तो यह 7.5 साल की अवधि तक और बढ़ जाएगा. ऐसे में आपको उसी लोन के लिए ज्यादा ब्याज देना होगा. ऐसे में अवधि को कम करने के लिए आपको होम लोन का प्री पेमेंट कर सकते हैं. अगर आप लोन का प्री पेमेंट करते हैं तो ध्यान रखें कि इसके लिए आपको मोटी राशि का आवश्यकता पड़ेगी.
होम लोन प्री पेमेंट करते वक्त रखें इन बातों का ख्याल-
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आपके पास फिलहाल फंड्स की कमी नहीं है तो आप होम लोन का प्री पेमेंट करके अपने ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं, लेकिन ऐसा करने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपके पास इमरजेंसी फंड की कमी नहीं होनी चाहिए. अगर आपके पास फंड की कमी होती है तो आपको अपने इन्वेस्टमेंट को लिक्विड करके फंड इकट्ठा करना पड़ सकता है. इसके बाद ही आप लोन का प्री पेमेंट करना होगा. अगर आप होम लोन की ब्याज दर बढ़ने के बाद भी ईएमआई देने में सक्षम हैं तो आपको निवेश को खत्म करने करके होम लोन प्री पेमेंट करने की जरूरत नहीं है.
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