RBI On Floating Loan: बगैर सूचना के EMI या उसकी मियाद बढ़ने से परेशान कस्टमर्स को मिलेगी राहत, आरबीआई लेकर आएगा गाइडलाइंस
Floating Rate Loans: आरबीआई फ्लोटिंग रेट वाले लोन के फ्रेमवर्क को पारदर्शी बनाने के लिए गाइडलाइंस जारी करेगी.
RBI On EMI: आरबीआई ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई ने रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा है. हालांकि फ्लोटिंग ब्याज दरें वाले होम लोन या अन्य लोन में पारदर्शिता लाने के लिए आरबीआई ने बड़ा फैसला किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने पॉलिसी भाषण में फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट वाले लोन के ब्याज दरों को रीसेट करने के तौर तरीकों के फ्रेमवर्क को और पारदर्शी बनाने का प्रस्ताव दिया है.
आरबीआई ने कहा कि वो होम लोन, कार लोन और दूसरे लोन लेने वाले कस्टमर्स को फ्लोटिंग ब्याज दर से फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट में स्विच करने के लिए जल्द ही नए फ्रेमवर्क की घोषणा करेगी जिससे महंगी ईएमआई से परेशान लोगों को राहत मिल सके.
आरबीआई गवर्नर ने ऐलान किया कि इस फ्रेमवर्क के तहत रेग्यूलेटेड एंटिटी यानि बैंकों, हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों और कर्ज देने वाली इकाईयों को ईएमआई को रीसेट करने या फिर उसकी अवधि में बदलाव करने के दौरान कर्ज लेने वाले कस्टमर्स को सूचित करना होगा. यही नहीं बैंकों, हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों को कर्ज लेने वाले कस्टमर्स को फिक्स्ड रेट वाले लोन के ऑप्शन को अपनाने का भी विकल्प देना होगा. साथ ही लोन के फोरक्लोजर का भी विकल्प देना होगा. इतना ही नहीं इन ऑप्शंस को अपनाने के लिए लगने वाले अलग अलग चार्जेज भी सार्वजनिक करने होंगे.
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि कर्ज लेने वाले कस्टमर्स को सभी जरुरी सूचनाएं सही प्रकार से पहुंचानी होंगी. उन्होंने कहा कि आरबीआई के इस कदम से कस्टमर्स के हितों को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि आरबीआई के सुपरवाइजरी रिव्यू और आम लोगों से मिले फीडबैक से ऐसे कई मामलों का पता लगा है कि कर्ज लेने वाले कस्टमर्स से बगैर पूछे और बिना उन्हें सूचित किए ही फ्लोटिंग रेट वाले लोन की अवधि को बढ़ा दिया जाता है. आरबीआई जल्द ही इसे लेकर गाइ़डलाइंस जारी करेगी.
ये भी पढ़ें