Home loan: रिटायरमेंट के बाद होम लोन के लिए कर रहे हैं आवेदन, इन बातों का रखें ध्यान
बैंक आमतौर पर एक रिटायर हो चुके आदमी को लोन देने में हिचकिचाते हैं. लेकिन अगर थोड़ी समझदारी और तैयारी के साथ लोन के लिए अप्लाई किया जाए तो कामयाबी भी मिल सकती है.
रिटायरमेंट के बाद होम लोन आसानी से नहीं मिलता है. बैंक भी आमतौर पर एक रिटायर हो चुके आदमी को लोन देने में हिचकिचाते हैं. हालांकि अगर थोड़ी समझदारी और तैयारी के साथ लोन के लिए अप्लाई किया जाए तो कामयाबी भी मिल सकती है. सीनियर सिटीजंस को होम लोन लेने के लिए कुछ अधिक शर्तों को पूरा करना होता है. आज हम आपको कुछ जरूरी टिप्स बता रहे हैं जो होम लोन लेने में आपकी मदद करेंगी.
पात्रता
होम लोन अप्लाई करने से पहले वरिष्ठ नागरिकों को अपनी उम्र, आय और दूसरे पहलुओं के आधार पर पात्रता जांच लेनी चाहिए. यह ध्यान रखें कि अलग-अलग बैंकों में पात्रता अलग-अलग होती है. जानकारों का मानना है कि आवेदक को ऐसा पेंशनर होना चाहिए जिनके मामले में लोन की अवधि के दौरान स्टेबल पेंशन इनकम की अपेक्षा हो. आवेदक की उम्र आवेदन की तारीख से 70 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए. लोन रिपेमेंट आवेदक की उम्र 75 साल होने से पहले पूरा हो जाना चाहिए. इसे ऐसे समझें कि 70 साल के पेंशन पाने वाले आवेदक को केवल 5 साल का होम लोन मिल सकता है.
को-एप्लीकेंट
रिटायरमेंट के बाद होम लेन के लिए अप्लाई करते वक्त अपने साथ एक को-एप्लीकेंट जोड़ना एक बेहतर ऑप्शन है. ऐसा करने से कर्ज देने वाले संस्थान का जोखिम कम हो जाता है. को-एप्लीकेंट ऐसे व्यक्ति को बनाना चाहिए जिसकी स्थायी इनकम और अच्छा क्रेडिट स्कोर हो. रिटायरमेंट के बाद होम लोन के लिए अप्लाई करते वक्त लोन तो मिल जाता है लेकिन इसकी रकम कम होती है. लोन की रकम तब ही बढ़ती है जब अच्छी कमाई वाला कोई को-एप्लीकेंट साथ में जुड़ न जाए. को-एप्लीकेंट को जोड़ने से लोन मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है. यह लंबी अवधि के लिए मुनासिब दरों पर मिल सकता है.
कम से कम कर्ज लें
होम लोन के लिए कम लोन-टू-वैल्यू (एलटीवी) रेशियो रखें और घर खरीदने के लिए अपना कॉन्ट्रिब्यूशन ज्यादा रखें. इससे प्रॉपर्टी में खरीदार का कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ जाता है और ईएमआई घट जाती है. खरीदार का कॉन्ट्रिब्यूशन ज्यादा होने से बैंक का जोखिम कम होता है. वहीं, कम ईएमआई से लोन की एफोर्डेबिलिटी बढ़ती है. ये दोनों बातें खरीदार की लोन की पात्रता को बढ़ाते हैं.
सिक्योर्ड लोन करेगा आपकी मदद
किसी एसेट की गारंटी पर लिया जाने वाला लोन सिक्योर्ड लोन कहलाता है. सिक्योर्ड लोन के मामले में बैंकों का जोखिम कम होता है. सिक्योर्ड लोन के लिए नियम अनसिक्योर्ड लोन के मुकाबले थोड़े नरम होते हैं. प्रॉपर्टी, गोल्ड, शेयर, म्यूचुअल फंड या पीपीएफ इत्यादि जैसे एसेट्स पर लोन लिया जा सकता है.
क्रेडिट स्कोर
अच्छा क्रेडिट स्कोर रिटायर हो चुके लोगों के लिए भी जरुरी है. ज्यादातर बैंक और वित्तीय संस्थान 750 और इससे अधिक के स्कोर को अच्छा मानते हैं.
सरकारी बैंक का करें रुख
रिटारमेंट के बाद अगर आपकी आय आपकी पेंशन है तो आप लोन के लिए किसी सरकारी बैंक में अप्लाई करें. सरकारी बैंक पेंशनर लोन देते हैं जिसके लिए पात्रता के पैमाने पर खरा उतरना आसान हो सकता है. इनमें पर्सनल लोन के मुकाबले ब्याज की दरें थोड़ी कम होती हैं.