होम लोन सस्ता होने की वजह से घर खरीदने के लिए लोन उठाव में रफ्तार तो दिखी है लेकिन मकानों की बिक्री में रफ्तार के लिए शायद यह काफी नहीं. देश का रियल एस्टेट सेक्टर गहरे संकट में है और इसे होम लोन दरों में भारी गिरावट भी हल करती नहीं दिख रही है. कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के साथ ही मकानों की बिक्री में भारी गिरावट है. घटती मांग की वजह से देश के सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री में कम से कम 47 फीसदी की गिरावट दर्ज हो सकती है.
इस साल सात शहरों में बिकेंगे सिर्फ 1.38 लाख मकान
प्रॉपर्टी सलाहकार कंपनी एनरॉक की एक स्टडी बताती है कि इस साल देश के प्रमुख सात शहरों में 1.38 लाख मकानों की बिक्री का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में नए मकानों के बनने की रफ्तार भी 46 फीसदी घट कर 1.38 लाख यूनिट रहने का अनुमान है. रिपोर्ट में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगरीय क्षेत्र , बेंगलुरू, पुणे, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता की स्थिति का आकलन किया गया है.
मौजूदा बिक्री रियल एस्टेट को रफ्तार नहीं दे पाएगी
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में मकानों की कुल बिक्री 1.38 लाख यूनिट रह सकती है. 2019 में यह संख्या 2.61 लाख थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की वजह से प्रॉपर्टी मार्कट में भारी गिरावट देखी गई. हालांकि आखिरी दो तिमाहियों में होम लोन की दरें कम होने और रजिस्ट्रेशन शुल्क में गिरावट की वजह से मकानों की बिक्री में रफ्तार दिखी है. लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर को रफ्तार देने के लिए काफी नहीं है. अर्थव्यवस्था में रफ्तार से अगर रोजगार के मोर्चे पर रफ्तार दिखती है तो मकानों की बिक्री में सुधार दिख सकता है.
मुश्किल दौर से गुजर रही वोडाफोन इंडिया की फंडिंग के लिए अब ओक हिल के साथ आएगी पीमको और गोल्डन ट्री
बिना आधार कार्ड के भी मिल सकती है LPG पर सब्सिडी, जानें क्या करना होगा