होम लोन की दरें अभी काफी कम हैं. यह दर 6.7 फीसदी के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है. ऐसे में क्या आपको होम लोन ले लेना चाहिए. एक्सपर्ट्स का मानना है कि सिर्फ सस्ता हो जाने से लोन लेना ठीक नहीं है. ऐसा करने पर आप लोन ट्रैप में फंस सकते हैं. इकनॉमी की इन दिनों जो हालात हैं और जो अनिश्चतताएं हैं, उनमें कुछ सवालों पर गौर करने के बाद ही होम लोन का विकल्प आजमाना चाहिए.


अपनी जरूरत और बजट तय करें
सबसे पहले तय करें कि आप किस तरह का घर चाहते हैं. इसके बाद आकलन करें कि इस पर कितना लोन मिल सकता है. ईएमआई कितना होगा और डाउन पेमेंट कितना है. क्या आपकी आय इतनी है कि कि आप डाउनपेमेंट और ईएमआई देने के बाद अपने खर्चों को लेकर सहज महसूस कर सकेंगे. लोन के नियम-शर्तों और अपनी कमाई की क्षमता को देख कर होम लोन का फैसला करें.


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आय की निरंतरता के पहलू पर जरूर गौर करें
दूसरी अहम बात है आपकी आय की निरंतरता. क्या आपकी नौकरी स्थायी है. इंटरेस्ट रेट कम हो सकता है लेकिन क्या आपकी नौकरी सुरक्षित है. अगर नौकरी सुरक्षित नहीं है. जॉब अस्थायी है तो लोन न लें. अगर आप डिफॉल्ट करते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है. इसलिए भविष्य में लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है. होम लोन लेने से पहले यह देखें कि अगर भविष्य में फाइनेंशियल इमरजेंसी आती है तो क्या आप इसे झेल लेंगे.


फाइनेंशियल इमरजेंसी के बारे में भी सोच लें
अगर फाइनेंशियल इमरजेंसी के बावजूद आप ईएमआई दे सकते हैं तो होम लोन ले सकते हैं. लेकिन अगर इसे जारी नहीं रह सकते हैं तो लोन न लें. अगर आपकी पत्नी नौकरी करती हैं तो होम लोन लेते समय उन्हें प्राइमरी लोन एप्लीकेंट बनाएं क्योंकि महिलाओं को कम ब्याज दर पर लोन मिलता है. को-एप्लीकेंट को टैक्स बेनिफिट भी मिलता है. आप दोनों 2 लाख रुपये तक के इंटरेस्ट पेमेंट पर टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं. अगर होम लोन ले ही रहे हैं तो सही लोन का चुनाव करें जो आपकी क्षमताओं और आगे आने वाली किसी भी वित्तीय आशंकाओं के मद्देनजर समस्या न खड़ी करे.


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