Home Loan EMI: महंगी ईएमआई ने बढ़ाई मुश्किल, और महंगा हुआ होम लोन तो होम बायर्स ठंडे बस्ते में डाल सकते हैं घर खरीदने का प्लान
Home Loan: पिछले डेढ़ सालों में होम लोन के ब्याज दरों में भारी भरकम इजाफा हुआ है. इस अवधि में ब्याज दर 2.50 फीसदी बढ़ चुका है.
Housing Sector Update: वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान महंगाई पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करते हुए 2.50 फीसदी रेपो रेट बढ़ा दिया जिसके चलते बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने भी 2.50 फीसदी तक होम लोन के ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी. जिन लोगों ने सस्ते होम लोन का फायदा उठाते हुए आशियाना खरीदा था महंगी ईएमआई ने उनके बजट को बिगाड़ दिया है. लेकिन जो लोग घर खरीदने की तैयारी कर रहे हैं उनका कहना है कि होम लोन यहां से और महंगा हुआ तो वे लोग घर खरीदने के फैसले को ठंडे बस्ते में डाल सकते हैं.
रियल एस्टेट कंसलटेंट एनारॉक ने ऑनलाइन कंज्यूमर सेंटीमेंट सर्वे किया है. इस सर्वे में भाग लेने वाले 98 फीसदी लोगों ने कहा कि होम लोन की ब्याज दरें अगर 9.50 फीसदी के पार जाती है इससे रेसिडेंशियल सेल्स पर असर पड़ सकता है. सर्वे में भाग लेने वाले 66 फीसदी रेस्पांडेंट्स ने कहा कि उच्च महंगाई दर के चलते उनके सेविंग पर असर पड़ा है. ऐसे में होम लोन यहां से और महंगा हुआ इससे उनके घर खरीदने की प्लानिंग प्रभावित हो सकती है.
एनारॉक के इस सर्वे में हिस्सा लेने वालों ने कहा कि वे मिड रेंज और प्रीमियम होम्स खरीदने को तवज्जो देंगे. 59 फीसदी संभावित घर खरीदारों ने कहा कि वे 45 लाख से 1.5 करोड़ रुपये के बीच के फ्लैट खरीदने को प्राथमिकता देंगे. 25 फीसदी लोगों ने कहा कि उनकी प्राथमिकता में 45 से 90 लाख रुपये के बजट का घर है. जबकि 24 फीसदी रेस्पॉडेंट्स ने कहा कि वे 90 लाख से 1.50 करोड़ रुपये के बीच के घर खरीदने को तवज्जो देंगे.
एनारॉक के मुताबिक फिलहाल होम लोन की ब्याज दरें औसतन 9.15 फीसदी के करीब है. पर यहां से होम लोन के ब्याज दरों में और इजाफा होता है तो संभावित होम बायर्स के सामने मुश्किलें खड़ी हो सकती है.
आरबीआई ने अप्रैल, जून और अगस्त महीने में जो मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान किया उसमें रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था. लेकिन जुलाई महीने के लिए जो खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा घोषित किया गया उसमें महंगाई दर 15 महीने के हाई 7.44 फीसदी पर जा पहुंची तो अगस्त में 6.83 फीसदी रही है जो आरबीआई के टोलरेंस बैंड के अपर लेवल से कही ज्यादा है. ऐसे में जून तक जहां ब्याज दरें घटने की संभावना जताई जा रही थी अब फिलहाल ब्याज दरें घटने के आसार बेहद कम नजर आ रहे. होम बायर्स को डर है कि ब्याज दरें कहीं और ना बढ़ जाए.
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