होम लोन रेट में कमी ने बैंकों के होम लोन पोर्टफोलियो में विस्तार किया है. साथ ही इसने रियल एस्टेट में भी गतिविधियों को बढ़ावा दिया है. कर्ज सस्ता होने की वजह से लोन के एवरेज साइज में इजाफा हुआ है. पीटीआई की एक खबर के मुताबिक इस साल औसतन 26 लाख रुपये ज्यादा का होम लोन लिया गया. प्रधानमंत्री आवास योजना, लोन रेट में कमी और कम रजिस्ट्रेशन फीस की वजह से ज्यादा लोग होम लोन रहे हैं. इसके साथ ही लोन का आकार भी बढ़ रहा है.


पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने लिया ज्यादा लोन 


बैंकबाजार. कॉम की एक स्टडी में इसका खुलासा हुआ है कोरोना संकट के बावजूद सस्ता होने की वजह से लोगों का औसत लोन आकार बढ़ गया. बैंकबाजार मनीमूड 2021 रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के कारण लोगों की प्राथमिकताएं बदल रही हैं. लोग अब अपने खर्चे और निवेश पर बहुत नजदीकी नजर रख रहे हैं. इसमें कहा गया गया है लॉकडाउन की वजह से बिजनेस गतिविधियां धीमी हुई हैं. लेकिन सरकार के राहत पैकेजों और कुछ दूसरे उपायों से इसमें रफ्तार आ रही है.


केवाईसी के जरिये कर्ज की आसान उपलब्धता और लोगों ने कोविड से पहले के स्तर के मुकाबले 80 फीसदी ज्यादा लोन लिया गया है. इसके अलावा महामारी के दौरान सामाजिक और काम करने के तौर-तरीके में हुए बदलावों ने बड़ी प्रॉपर्टी और लोन में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ाई है. इस रिकवरी में सबसे ज्यादा डिमांड गैर मेट्रो शहर से आई है.


होम लोन के आकार में लगातार बढ़ोतरी 


रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में होम लोन लेने के लिए औसतन 26.41 लाख रुपये का कर्ज लिया गया जो 2019 में 23.82 लाख रुपये रहा था. महिलाओं की ओर से लिए गए होम लोन का औसत आकार 31.20 लाख रुपये था जबकि पिछले साल उनके लोन का औसत आकार 25.66 लाख रुपये था. पुरुषों के मामले में यह आकार 26.04 लाख रुपये था. जबकि पिछले साल उनके लोन का औसतन आकार 23.64 लाख रुपये था.


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