प्रीमियम व लग्जरी सेगमेंट में घरों की बिक्री लगातार बढ़ रही है. हालिया सालों में घर खरीदने के ट्रेंड में यह बदलाव साफ दिख रहा है. अब एक रिपोर्ट में होम लोन के आंकड़े इस बात की पुष्टि कर रहे हैं. होम लोन के आंकड़े बता रहे हैं कि अब लोग महंगे घरों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं.


इतना हो गया 75 लाख से महंगे घरों का हिस्सा


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते 4 सालों के दौरान कुल होम लोन में 75 लाख रुपये से महंगे घरों के लिए लोन की हिस्सेदारी डेढ़ गुना बढ़ी है. मार्च 2020 में कुल होम लोन में ऐसे महंगे घरों के होम लोन की हिस्सेदारी सिर्फ 19 फीसदी पर थी. मार्च 2024 में उनकी हिस्सेदारी टोटल होम लोन में बढ़कर 31.4 फीसदी पर पहुंच गई.


साल दर साल इस तरह बढ़ी हिस्सेदारी


रिपोर्ट के अनुसार, 75 लाख रुपये से ऊपर के मकानों का हिस्सा साल दर साल बढ़ता गया है. वित्त वर्ष 2019-20 में उनकी हिस्सेदारी जहां सिर्फ 19 फीसदी पर थी, उनका हिस्सा बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में 20.6 फीसदी पर पहुंच गया. वित्त वर्ष 2021-22 में ऐसे घरों का शेयर और बढ़कर 24 फीसदी पर और वित्त वर्ष 2022-23 में 27.3 फीसदी पर पहुंच गया.


टेंपोररी नहीं, बल्कि टिकाऊ है यह ट्रेंड


नाइट फ्रैंक के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर 1 करोड़ रुपये से ऊपर की कैटेगरी को देखें तो यह घरों की कुल बिक्री में 41 फीसदी से ज्यादा योगदान दे रहा है. नाइट फ्रैंक का मानना है कि बाजार में अब स्थिरता का साफ पत चल रहा है, क्योंकि होम लोन के आवेदनों की संख्या लगातार बढ़ रही है. आंकड़े बताते हैं कि यह ट्रेंड टेंपोररी नहीं है, बल्कि टिकाऊ लग रहा है.


महंगे घरों के लोन में प्राइवेट बैंक आगे


रिपोर्ट में बताया गया है कि जहां 75 लाख रुपये से नीचे के होम लोन की कैटेगरी में सरकारी बैंकों का दबदबा है, वहीं 75 लाख रुपये से ऊपर की कैटेगरी में प्राइवेट बैंक आगे हैं. वहीं 35 लाख रुपये से भी कम की श्रेणी में हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की अच्छी-खासी हिस्सेदारी है. यह बात सीआरआईएफ के एक रिपोर्ट के हवाले से बताई गई है.


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