Hybrid Car: होंडा कार्स इंडिया (Honda) के वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग और सेल्स) कुणाल बहल ने कहा कि हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों (Hybrid Electric Vehicle) पर टैक्स कम करने से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ेगी. उनके मुताबिक हाइब्रिड टेक्नोलॉजी वर्तमान में भारतीय परिस्थितियों के लिए सबसे सही है, क्योंकि इसके लिए बाहरी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होती है.
मौजूदा समय में, देश में हाइब्रिड वाहनों पर जीएसटी समेत कुल टैक्स 43 प्रतिशत है, जबकि बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगभग 5 प्रतिशत का टैक्स लगता है. कुणाल बहल ने कहा कि दो प्रकार के वाहनों के टैक्स में बड़ा अंतर है. उनके मुताबिक अगर सरकार हमें समर्थन दे सकती है (हाइब्रिड वाहनों पर भी टैक्स घटाकर) तो यह एक स्वागत योग्य कदम होगा. उन्होंने कहा कि हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि क्या वे इस पर विचार कर सकते हैं.
प्रदूषण घटाएंगे ये वाहन
कुणाल बहल ने इस बात पर भी जोर दिया कि हाइब्रिड वाहन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं और यह पेट्रोल-डीजल की खपत को कम करने में भी सहायक होंगे. बहल ने कहा कि हम वास्तव में सरकार की समझ का सम्मान करते हैं कि वे प्रदूषण के स्तर को कम करना चाहते हैं वे ईंधन की खपत को कम करना चाहते हैं, इसलिए इन दोनों उद्देश्यों को हाइब्रिड वाहनों से पूरा किया जाता है.
हाइब्रिड तकनीक का समर्थन करते हुए होंडा कार्स इंडिया ने कहा कि हाइब्रिड देश के लिए सबसे अच्छा समाधान है, क्योंकि खरीदारों को रेंज की चिंता करने की जरूरत नहीं होती है और वाहन के प्रदर्शन पर भी कोई कमी नहीं आती है. कंपनी ने हाल ही में अपनी पॉपुलर सिटी सेडान को हाइब्रिड मॉडल के तौर पर लॉन्च किया था.
नए निवेश की तैयारी
कंपनी की तैयारी अगले 10 सालों में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेग्मेंट में 40 अरब डॉलर का निवेश करने की है. बहल का मानना है कि वैश्विस रुझान इलेक्ट्रिक व्हीकल की तरफ है. वो कहते हैं कि भारतीय ग्राहक वास्तव में इलेक्ट्रिक मॉबिलिटी का हिस्सा बनना चाहते हैं. यह प्रदूषण कम करने की ओर हमारी यात्रा से मेल खाता है. अगर टैक्स घट जाते हैं, तो यकीनन लोग इसे तेजी से अपनाएंगे.
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