Housing Demand: वास्तविक खरीदारों के चलते भारत में हाउसिंग डिमांड में तेजी रहेगी बरकरार, होमलोन हो सकता है महंगा
Housing Demand Increases: एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख के मुताबिक भारत में हाउसिंग सेक्टर में डिमांड वास्तविक घर खरीदारों के चलते है ना कि जो सट्टेबाजी के चलते.

Indian Real Sector: भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है और रेसिडेंशियल हाउसिंग इस सेक्टर का उभरता सितारा बना हुआ है. ये कहना है देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनैंस कंपनी एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख का. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों के विपरीत, भारत में हाउसिंग सेक्टर में डिमांड वास्तविक घर खरीदारों के चलते है ना कि सट्टेबाजी के चलते. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि होमलोन के ब्याज दरों में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है पर होमलोन की मांग पर इसका असर नहीं पड़ेगा.
दीपक पारेख ने सीआईआई रियल एस्टेट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, भारत का रियल एस्टेट बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जो हम सभी के लिए अच्छा है. भारत में रियल एस्टेट क्षेत्र में रेसिडेंशियल हाउसिंग अग्रणी बना हुआ है. उन्होंने कहा कि मुझे यह दोहराने की जरूरत है कि भारत में घरों की मांग मजबूत बनी हुई है. उन्होंने कहा कि इस भरोसे का सबसे बड़ा सबूत नई हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की लॉन्चिंग की पाइपलाईन है जो महामारी से पहले के स्तर को पार कर गई है.
दीपक पारेख के अनुसार, हाउसिंग डिमांड पहली बार घर खरीदने वालों की तरफ से है, या फिर उन लोगों से जो बड़ा घर या किसी अन्य जगह पर घर खरीदना चाहते हैं. पारेख ने कहा कि अपने 50 से अधिक वर्षों के कामकाजी जीवन में उन्होंने भारत में आज की तुलना में बेहतर हाउसिंग अफोर्डेबिलिटी नहीं देखी है. उन्होंने कहा कि आज आसानी से नगदी उपलब्ध है, ब्याज दरें बेहद सस्ती है और घर खरीदारों की घर खरीदने चाहत जैसी आज दिख रही वो पहले कभी नहीं देखी गई.
उन्होंने बताया कि पश्चिमी देशों में सप्लाई नहीं होने के चलते महामारी के दौरान घरों की कीमतें बढ़ी जाती हैं जहां ज्यादातर घरों को लेकर ट्रांजैक्शन निवेश के ख्याल से या फिर सट्टे के लिए किया जाता है. जबकि भारत में वास्तविक होमबायर्स की तरफ से घरों की डिमांड है.
दीपक पारेख के मुताबिक भारत में लोगों की आय बढ़ रही है ऐसे में कम उम्र के युवा अपने जीवन में जल्द घर खरीदने के क्षमता रखेंगे. उन्होंने बताया कि हाई-एंड प्रीमियम प्रोजेक्ट्स में 15 से 20 फीसदी तक दाम बढ़े हैं लेकिन ये सभी प्रोजेक्ट्स के साथ नहीं है. अफोर्डेबल सेगमेंट में प्राइस बेहद स्टेबल है. उन्होंने बताया कि 50 लाख से 1 करोड़ रुपये के घर अभी भी बहुत उपलब्ध है.
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