Housing Prices: घरों की कीमतें बढ़ने के मामले में मुंबई आगे, ग्लोबल स्तर पर 19वें स्थान पर मायानगरी, बेंगलुरु 22वें स्थान पर रहा
Housing Prices: मुंबई में जून तिमाही में आवासीय कीमतों की वृद्धि छह फीसदी रही और यह वैश्विक सूचकांक में 76 पायदान चढ़कर 19वें स्थान पर पहुंच गया.
Housing Prices: अप्रैल-जून तिमाही में आवास की कीमतों में बढ़ोतरी के लिहाज से मुंबई वैश्विक स्तर पर 19वें और बेंगलुरु 22वें स्थान पर पहुंच गया. नाइट फ्रैंक इंडिया ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी. पिछले साल की समान अवधि में मुंबई 95वें स्थान जबकि बेंगलुरु 77वें स्थान पर था.
रियल एस्टेट सेक्टर के बारे में परामर्श देने वाली नाइट फ्रैंक इंडिया ने अप्रैल-जून 2023 तिमाही के लिए वैश्विक आवासीय शहरों का सूचकांक जारी करते हुए यह जानकारी दी. इसके मुताबिक, दुनिया के 107 शहरों में सामूहिक स्तर पर औसत मूल्य वृद्धि 1.7 फीसदी रही जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में औसत कीमतें 11.7 फीसदी बढ़ी थीं.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 'मुंबई में जून तिमाही में आवासीय कीमतों की वृद्धि छह फीसदी रही और यह वैश्विक सूचकांक में 76 पायदान चढ़कर 19वें स्थान पर पहुंच गया.' वहीं बेंगलूरु शहर इस सूचकांक में 5.3 फीसदी मूल्य वृद्धि के साथ 22वें स्थान पर पहुंच गया. पिछले साल की समान तिमाही में बेंगलुरु 77वें स्थान पर रहा था.
वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में दिल्ली में आवासीय कीमतों में सालाना आधार पर 4.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह भारतीय शहरों में तीसरे और वैश्विक स्तर पर 25वें स्थान पर पहुंच गया. साल भर पहले दिल्ली सूची में 90वें स्थान पर था.
इसी तरह चेन्नई और कोलकाता आवासीय परिसंपत्ति वर्ग में 2.5 फीसदी की समान मूल्य वृद्धि के साथ क्रमशः 39वें और 40वें स्थान पर रहे. पिछले साल की समान अवधि में चेन्नई 107वें और कोलकाता 114वें स्थान पर थे.
तुर्किए की राजधानी अंकारा में वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक मूल्य वृद्धि 105.9 फीसदी की हुई और यह शहर सूची में पहले स्थान पर पहुंच गया. तुर्किये का ही एक और शहर इस्तांबुल 85.1 फीसदी बढ़ोतरी के साथ दूसरे स्थान पर मौजूद है. वहीं स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम नाइट फ्रैंक की सूची में सबसे निचले स्थान पर है. वहां पर आवासीय कीमतों में 14.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, 'वर्ष 2022 की शुरुआत से ही मजबूत मांग रहने से आवासीय कीमतें स्वस्थ गति से बढ़ी हैं. ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद उपभोक्ताओं का भरोसा बने रहने से घरों की बिक्री बढ़ रही है.'
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