खुद का घर खरीदना और भी महंगा हो चुका है. क्रेडाई-कोलियर्स-लियासेस फोरास हाउसिंग के मुताबिक, पूरे भारत में आवास की औसत कीमतें 2023 की दूसरी तिमाही के दौरान 7 फीसदी बढ़कर 9,625 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं. यह बढ़ोतरी मजबूत आवास मांग के कारण हुई है.  कुल आठ शहरों में आवास की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है. 


कोलकाता में सालाना आधार पर 15 फीसदी की सबसे ज्‍यादा की बढ़ोतरी हुई है. इसके बाद दिल्ली एनसीआर में 14 फीसदी और हैदराबाद में 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड महामारी के कारण रुकी हुई मांग अब फिर बढ़ चुकी है, जिस कारण घर की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. वहीं उम्‍मीद है कि आगामी त्‍योहारी सीजन में ये मांग बरकरार रहेगी. 


कोलकाता में सबसे तेज बढ़ी आवास की कीमत 


2023 की दूसरी तिमाही में कोलकाता में कुल आवास की कीमतों में साल-दर-साल 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो भारत के शीर्ष आठ शहरों में सबसे अधिक है. शहर में आवास की कीमतें पिछली सात तिमाहियों से बढ़ रही हैं. आवास की कीमतों में हालिया उछाल सकारात्मक सरकारी प्रोत्साहनों जैसे स्टांप शुल्क में 2 फीसदी की कटौती और सितंबर 2023 तक 10 फीसदी तक कम सर्कल दरों के विस्तार से बढ़ी मांग के कारण है. 


दिल्‍ली एनसीआर में कितनी बढ़ी कीमतें


कोलकाता के बाद दिल्ली एनसीआर में 2023 की दूसरी तिमाही के दौरान आवास की कीमतों में 14 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी हुई है. गोल्फ कोर्स रोड और द्वारका एक्सप्रेसवे में आवास की कीमतों में क्रमशः 46 फीसदी और 40 फीसदी की सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है. 


10 फीसदी यहां बढ़ी कीमतें


घर खरीदने की भारी डिमांड के बीच साल 2023 की दूसरी तिमाही में घर खरीदने के लिए कीमत में सालाना आधार पर 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसमें 3 बीएचके के लिए सालाना आधार पर कीमत में बढ़ोतरी 12 फीसदी हुई है. हालांकि इससे कम 2 बीएचके की कीमत बढ़ी है. एक्‍सपर्ट का कहना है कि पिछले कुछ दशक से आवास की कीमतें स्थिर थीं, लेकिन अब बढ़ने लगी हैं, जो मामूली बढ़ोतरी है. 


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